”एकादशी पर हिंदी कविता’‘,
विट्ठल माऊली पर हिन्दी कविता-
“लगन लगी श्री हरि की ..
नहीं है कोई मोह माया,
गरीबों का है तू है पांडुरंगराया,
तू ही सबका है साया” ॥
कीचड़ में चल-चलकर आते हैं ;
भक्त तेरे दर्शन को,
पंढरपुर कि यात्रा कर,
चरण स्पर्श कर मिले शांति मन को,
तू ही रखवाला है उनका मुरारी,
तेरी लीला तू ही जाने,
वही तो बस, श्री हरि को ही माने,
तू है विठ्ठला तू ही गिरधारी ,
तेरी बस एक दर्शन के खातिर करते हैं वारी,
ऐसी महिमा जाने दुनिया सारी
तेरी महिमा सबसे न्यारी…!!
तू ही विधाता, तू ही जगदाता, तू ही पालन कर्ता ,
तेरा जैसा ना कोई जगमें साहारा,
भक्ति करने आऐ तेरा भक्त है जो खरा,
तेरे बिन अधूरे हम वो विठू बरवा ..!
“पांडुरंग पांडुरंग” करें नामस्मरण.
प्रभु कहे यह करलो स्मरण..!
पहले ‘मात पिता की सेवा’, जो है ‘भक्ति का ठेवा’
और फिर ध्यान धरो,
मेरी धुन में नाचे गावो; अभंग सुनावो .
तब दर्शन देगा विटूदेवा ..!
तो ही मिलेगा आपको मेवा ।।
तेरी माया है मुरारी,
भक्ती देखे रहे श्री हरि,
कमर पर हाथ रख खड़े विटेवरी,
भक्त कहे,
पुंडलीक माता पिता की सेवा करलू दो घड़ी,
सेवाभक्ति देख मोहित हो उठे प्रभु श्री हरि..!
आई है एकादशी आषाढी..
वारी चाले पंढरी;
धोती कुर्ता और नवारी,
पहन कर आते हैं वारकरी,
करते हैं पंढरपुर की वारी
स्नान करके चंद्रभागा में,
पाप नष्ट हो जाए; यह महिमा है खरी !
तेरी भक्ति, तेरी शक्ति तेरी लीला निराली,
ताल मृदंग बाजे, बाजे वीणा और ताली,
के धुन पर खेले पाऊली श्रीहरि..!
गुंज उठी है गलियां सारी,
गाये नर और नारी,
तुझसे ही यह दुनिया सारी;
विट्ठल विट्ठल’ नाम गूंजे हर गली-गली ..!!
संत जना, मुक्ताई, ज्ञानोबा, एकनाथ, तुकाराम..इन पवित्र हुई भारत भूमि..!
मेरे है विठू माऊली ! विठू माऊली ..!!
FAQ
”एकादशी पर हिंदी कविता”,
आषाढ़ी एकादशी कविता
Devshayani ekadashi wishes in HINDI
देवशयनी आषाढी एकादशी
विठल रुखमाई कविता
पांडुरंग भक्ति GEET
संत की भकित पर KAVITA
मन को भाये विठू माउली KAVITA
चंद्रभागा में,
पाप नष्ट हो जाए; यह महिमा है खरी
विठू माऊली
Please follow and like us: