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विठ्ठल माऊली – वारकरी भक्ति का अमृत

एकादशी पर हिंदी कविता विट्ठल माऊली पर हिन्दी कविता

विठ्ठल माऊली – वारकरी भक्ति का अमृत

”एकादशी

🔹 संदर्भ (भूमिका)

पंढरपुर, जिसे भक्तों की भूमि कहा जाता है, महाराष्ट्र के हृदय में बसा वह तीर्थस्थल है जहाँ श्रद्धालु प्रेम और भक्ति से हरिनाम गाते हुए अपने विठ्ठल माऊली के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। संत ज्ञानेश्वर, नामदेव, तुकाराम जैसे महान संतों ने यहाँ भगवान विठोबा (विठ्ठल) की आराधना की और वारकरी संप्रदाय को भक्तिरस से सराबोर किया। एकादशी पर लाखों वारकरी नंगे पाँव पदयात्रा करते हुए ‘जय हरि विठ्ठल’ का गान करते हैं। इस पवित्र यात्रा की महिमा और भगवान पांडुरंग की कृपा को समर्पित यह कविता उनके प्रेम और भक्ति को दर्शाती है।

 

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