महाराष्ट्र दिवस पर हिंदी कविता-
(“महाराष्ट्र मेरा अभिमान: एक भावनात्मक कविता”)
“शौर्य और संस्कृति का ध्वज जहां फड़कता है,
मातृभूमि पर मर मिटने का और देश के लिए कुछ करने का उत्साह और उल्लास जहां से मिलता है,
इस महाराष्ट्र को बार-बार नमन करने का मन करता है..!
प्रस्तावना
“महाराष्ट्र!
एक ऐसा शब्द जो सिर्फ कानों में नहीं गूंजता, बल्कि दिल की हर धड़कन में गर्व भर देता है।
जहां स्वाभिमान हवा में घुला है, जहां मेहनत मिट्टी में महकती है, जहां संस्कृति हर श्वास में बसी है।
आज, महाराष्ट्र दिवस के पावन अवसर पर, आइए, इस वीरभूमि को नमन करें —
अलग-अलग सुविचार / कविता के माध्यम से, जो मेरे ह्रदय से निकली है…!”
“हर भूमि का अपना एक गौरव होता है, पर महाराष्ट्र का गौरव उसकी संस्कृति, वीरता और मेहनती जनमानस में बसता है।
शिवाजी महाराज की शौर्यगाथा से लेकर आज के आधुनिक विकास तक, महाराष्ट्र ने हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है।
आज महाराष्ट्र दिवस के इस पावन अवसर पर, हम गर्व से कहते हैं — हम इस वीरभूमि के सपूत हैं!”
महाराष्ट्र दिवस विशेष प्रस्तुति
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महाराष्ट्र दिवस 2025 पर सूंदर कविता:-
भगवा तिरंगा जहां लहराता है,
अनेकता में एकता को जो दर्शाता है पूरे भारत मे महाराष्ट्र को सरताज कहा जाता है…!!”
अलग-अलग जाति-धर्म की सभी इकट्ठा रहे कर
जहा हर संस्कृति का कीया जाता है सन्मान..
पहनावा से लेकर,अलग-अलग है जिनका खानपान..!
हर धर्म के त्योहारों का रखते हैं वह मान..
मुश्किल आने पर एक-जुटता और संगठन से रखते हैं
एक दूजे का ध्यान …!
जो मुख्य भाग है इस भारत भूमि का,
जो हैं देश की आन बान शान..!!
उधोग जिसका प्राण,
भारत के विकास में जिसने दिया अपना पूरा योगदान..!!!
अर्थव्यवस्था हुई जहां से मजबूत; मजदूरों को मिला सहारा,
ऐसे इस महाराष्ट्र का लगाये हम मिलकर नारा
“महाराष्ट्र का हो जय जयकारा”..!
बहती रहे बस ऐसी ही अपने उन्नति की धारा,
होंगें हम और भी विकसित और समृद्ध इस भारत के कामयाबी का पूरा विश्व देखेगा नजारा…!
वह है महाराष्ट्र हमारा..!!
ऐसे शूरवीरों को करते हैं हम शत-शत नमन..
छत्रपति शिवाजी राजे जैसे शूरवीर ने किया शत्रु का दमन…,
अपनी जान निछावर कर,
शत्रू से.. अपने हक्क और बलिदान का कीया.. हरण,
ऐसे अनेक शूर वीरों ने; अपने लहू को बहाकर..
महाराष्ट्र के लिये गये जो शरण..!
इस धरती को किया पावन..
ऐसे सांस्कृतिक ऐतिहासिक एवं राजनीतिक विकास में,
जिसने छुआ सारा गगन…
“करते हैं ऐसे महाराष्ट्र शत-शत नमन..!”
कविता: “महाराष्ट्र मेरा अभिमान”
धरती वीर शिवराय की,
संस्कारों की खान है,
मेहनत की मिसाल बना,
मेरा महाराष्ट्र महान है।
सपनों को सच करती मिट्टी,
कर्मभूमि हर इंसान की,
संगीत, कला, प्रेम, पराक्रम —
पहचान बनी इस हिन्दुस्तान की।
गडकिल्ले गाते वीरगाथा,
हर कण में इतिहास बसा,
शिवनेरी से लेकर सह्याद्रि तक,
साहस एवं शौर्य की है आशा ।
मंगलगान हो या युद्धभूमि,
हर पल अग्रसर है यह,
कृषि, उद्योग, शिक्षा, सेवा —
हर क्षेत्र में शिखर है यह।
जय जय महाराष्ट्र माझा
जय जय माझ्या मातीचा मान,
गर्व से कहता है हर दिल —
महाराष्ट्र मेरा अभिमान!
“शिवरायांच्या शौर्याने सजलेली, प्रेमाने बहरलेली, संस्कृतीने नटलेली — ही आपली महाराष्ट्रभूमी, आपला अभिमान आहे!”
“आप सभी का धन्यवाद, जिन्होंने इस (महाराष्ट्र मातेच्या गौरव गीतात) महाराष्ट्र माता के गौरव गीत में सहभागी होके मेरी कविता को पढ़कर अपना प्रेम और सम्मान दिया।
जय जय महाराष्ट्र माझा! जय हिंद!”
“आप सभी श्रोता-बंधुंचा आणि वाचक-मित्रांचा मनःपूर्वक आभारी आहे!”
महाराष्ट्र दिन पर विशेष सुविचार एवं नारे जो की इस खास दिवस पर आप रैली में लगा सकते हो या शुभेछा के रूप में भी मित्र या देश वासियों को भेज सकते हो ।
➔ “जहां भूमि पर स्वाभिमान जन्म लेता है, वहां महाराष्ट्र बसता है।”
➔ “हर कण में वीरता, हर श्वास में संस्कृति — यही है महाराष्ट्र की शक्ति ।”
➔ “मातृभूमि के चरणों में समर्पित हर स्वप्न, महाराष्ट्र के दिल में धड़कता है।”
➔ “महाराष्ट्र सिर्फ एक राज्य नहीं, यह गौरव, गरिमा और गाथाओं का संगम है।”
जय जय महाराष्ट्र माझा! जय हिंद!”
आपने मेरे मन के भावों को अपना प्रेम दिया, अपना गौरव साझा किया।
चला तर मग — एकत्र मिळुन गर्जु या..!