प्यारा सा बंधन कविता: दिल से दिल तक: प्रेम और विश्वास प्यारा सा नजराना

प्यारा सा बंधन कविता-पति-पत्नी का/प्रेमियों के लिए  प्रेम के नाम

💞प्यारा सा बंधन कविता: पति-पत्नी का रिश्ता हो या प्रेमी-प्रेमिका का, प्रेम और विश्वास से भरा जो की दिल को …

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“मेरे सपनों का भारत 2025: नयी पीढ़ी का उज्ज्वल और प्रेरणादायक भविष्य (Top 13 विचार) उत्कृष्ट लेख

सपनों का भारत sapno ka bhart

🇮🇳 मेरे सपनों का भारत — एक सशक्त राष्ट्र की ओर- “जयतु भारतम्, समृद्धम् भारतम्।” हमारा भारत – बदलते सपनों …

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🇮🇳 स्वतंत्रता की पुकार 15 अगस्त विशेष (Freedom of Mother India): टाॅप 11 प्रेरणादायक कविता भारत माँ के नाम

भारत माँ की पुकार – कविता (Main Poem Starts)

🇮🇳 स्वतंत्रता की पुकार: भारत माँ को समर्पित टॉप 11 कविता |15 अगस्त विशेष 🌟कविता की भूमिका (Introduction of the …

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शादी की संगीत संध्या और मेहंदी रस्म की खूबसूरत स्क्रिप्ट | खास पल को बनाए यादगार

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शादी की संगीत संध्या और मेहंदी रस्म की खूबसूरत स्क्रिप्ट | खास पल को बनाए यादगार संगीत संध्या* *Musical Night* …

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शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी Top 2 सुंदर सूत्रसंचालन

शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी Top 2 सुंदर सूत्रसंचालन

🪔”शुभ दीपावली पहाट गाणी एवं Top 2 सुंदर सूत्रसंचालन | स्वागत,आरती के साथ भक्ति पर्व

Diwali Anchoring Script : दिवाली उत्सव पर मंच संचालन के लिए ऐसे तैयार करें टॉप 2 एंकरिंग स्क्रिप्ट

🌟 सूत्रसंचालन की आरंभिक पंक्तियाँ | Opening Anchoring Script with Welcome

(*दीपावली उत्सव सूत्रसंचालन स्क्रिप्ट)

[Background Music के साथ कोमल भक्ति राग / स्वर में]

🔅“ॐ असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥”

🪔🌅 दिवाली पहाट गाणी सहित सूत्रसंचालन का आरंभ

🎶 [Background: पारंपरिक पहाट गाणं – “उठ जागा रे मुरख वेडा”, “प्रभात झाली, वंदन कर प्रभुसी”]

प्रकाशाच्या या मंगलमय सरींमध्ये,

चला भेटूया त्या प्रभूला – जो अंधारातही प्रकाश देतो।”

"दिवाली सूत्रसंचालन स्क्रिप्ट | पहाट गाणी, स्वागत व आरती सहित"
“दिवाली पहाट गाणी व सूत्रसंचालन | स्वागत, आरती व भक्ति पर्व”

 

आगतम! स्वागतम! सुस्वागतम!
इस दिव्य दीपावली महोत्सव में, हम करते हैं हमारे परम आदरणीय अतिथि गणों का, मान्यवरों का, वरिष्ठजनों का, संगीत व भजन संध्या से जुड़े सभी कलाकारों का, और अपने आत्मीय गाँव-समाज एवं आयोजन मंडल का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन।

आज का ये आयोजन केवल एक परंपरा नहीं,
बल्कि एक भावना है – प्रभु के सान्निध्य में लयबद्ध होकर,
अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा करने की।

आईये, हम इस मधुरम्य वातावरण में कुछ पल के लिये स्वयं को भुलाकर,
प्रभु को हमारे बीच आमंत्रित करें,
उनके नाम का दीप जलाएं
जो हमारे मन के कोनों को भी आलोकित कर दे।

<ग्राम/प्रभाग का नाम> परिवार ने हर वर्ष की भांति,
इस वर्ष भी एक विशेष संकल्प के साथ
तेजोमय दिवाली को आत्मिक उत्सव में बदलने की अनूठी पहल की है।

आप सभी की उपस्थिति ही इस आयोजन की आत्मा है।
तो आइए, दीपावली के इस भव्य रंगमंच पर
प्रेम, भक्ति, संगीत, आरती और सत्संग की वर्षा में तन-मन भीग जाने दें।

पहले तो, शुभ दीपावली की इस पाहट गाणी के कार्यकर्म के निमित से सभी को शुभकामनाएं देना चाहेंगे

✨✨✨✨✨

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🧵 रक्षाबंधन 2025: भाई–बहन के रिश्ते पर शुभ संदेश व कविता Quotes (Hindi & English)

raksha bandhan wishes for brother and sister in hindi

💝रक्षाबंधन 2025: भाई  रक्षाबंधन 2025: भाई-बहन के रिश्ते पर भावनात्मक शुभकामनाएं, कविताएं और संदेश 🪢 परिचय – एक डोर, अनमोल …

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कान्हा की नटखट सी~कृष्ण लीला नाटिका।यशोदा-कन्हैया संवाद, संचालन स्क्रिप्ट व शिक्षाप्रद संदेश”

 कान्हा की नटखट सी ~कृष्ण लीला नाटिका

कान्हा की नटखट सी~कृष्ण लीला नाटिका।

यशोदा-कन्हैया संवाद, संचालन स्क्रिप्ट व शिक्षाप्रद संदेश”

🎭 नाटिका की शुरुआत (भूमिका)

(सूफियाना संगीत या बाँसुरी की मधुर धुन पर मंच पर धीमे-धीमे प्रकाश फैलता है)
सूत्रधार (Narrator):

“जब-जब धरती पर अन्याय बढ़ा,

अधर्म ने सिर उठाया, तब-तब नारायण ने अवतार लिया।
ऐसा ही एक अवतार — नटखट, प्यारा, सरल और चतुर — जिन्होंने माखन चुराया, गोपियों को सताया और राक्षसों का संहार किया। आइए देखते हैं – बाल कृष्ण की लीला से भरी एक मोहक झलक — ‘कान्हा की नटखट सी कृष्ण लीला’।

कान्हा की नटखट सी~कृष्ण लीला नाटिका।यशोदा-कन्हैया संवाद, संचालन स्क्रिप्ट व शिक्षाप्रद संदेश"
कान्हा की नटखट सी~कृष्ण लीला नाटिका।

 

नटखट कान्हा की मीठी सी बोली,प्रस्तुत  एक नाटिका जिसमें कृष्ण कन्हैया की हमजोली…!!

1.नटखट कान्हा की नटखट सी नाटिका – एकपात्री नाटिका 

कान्हा :-

शुऽऽऽ! (झुकते हुऐ)

कई मैया ना देख ले..!

वाव हं ..!! (मुंह में पानी आ जाता है)

माखन तो बहुत स्वादिष्ट है, थोड़ा और खा ले; बहुत भूख लगी है !

ओ मैया मोरी मै नहीं माखन खायो..!!

यह सब ग्वाले ही माखन खाते हैं और मुझे ही माखन चोर कहते हैं !

और तो और सारी गोपिया मेरे मुंह पर माखन लगाकर मुझे नचवाती है मैया और चुंबन लेले के मुझे बहोत परेशान करती है मैया!

 ओऽऽ मैया मोरी,

मैं नहीं माखन खायो ओ मैया मोरी मैं नहीं मांखन खायो..! नहीं नहीं मैया मेरे कान में खींचे मुझे मत बांधो मैं तो आपका प्यार कान्हा हूं नाऽऽ!

मैं हूं कृष्ण कन्हैयाऽऽ

बंसी बजैया माखन चुरइया

यशोदा का लल्ला,

नंदबाबा का राज दुलारा,

 देवकी वासुदेव का गोपाला

सारे गोपियों का प्यार हूं,

इस धरती पर प्रेम का रंग बरसाने आया हूं ..!


राधा से जुड़ा है मेरा हर काम,

सब कहते हैं मुझे राधेश्याम

हर पल जो साथ रहते है मेरे बलदाऊ राम, 

कोई कहता है मुझे छलिया,

मुरली की धुन पर,

झूम उठी सारी गलियां!

गोपियों संग नाचे कन्हैयाऽऽ

इस नटखट कान्हा के बारे में क्या कहते हैं यशोदा मैया।

जरा मेरी मुख से ही सुन लो..

ऽऽ

(कान्हा बासरी की धुन के साथ भजन गाते हुए )

 ¹छोटी छोटी गईया छोटे छोटे ग्वाल छोटो सो मेरो मदन गोपाल (भजन)
²राधा की धुन में आज नाचे देखो कृष्णा कान्हा…(भजन)
(नारा लगाते हुए जोर से) हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की..!!🙏🍨

यह नाटिका कान्हा की मस्ती और उनकी अद्भुत लीलाओं को व्यक्त करती है।

👈ध्यान दें -इसे मंच पर प्रस्तुत करने के लिए संवाद और भजन को और अधिक निखारा जा सकता है। यह नाटिका मंच पर बच्चों और वयस्कों के साथ खेली जा सकती है। भजनों और संवादों में मस्ती और भक्ति का मेल इसे और जीवंत बना देगा। 🙏

और साथ ही साथ आप अलग-अलग झाकिया भी दिखा सकते है जिससे और नाटिका सूंदर तो लगेगी और  जैसे की सच में कान्हा इस धरती पर उतर कर नटखट लीला कर रहा हो !

 कान्हा की नटखट सी~कृष्ण लीला नाटिका

✨ नाटिका में दिखाए जा सकते हैं ये प्रमुख दृश्य:

  1. कृष्ण जन्म का दृश्य – जेल की कोठरी, देवकी-वसुदेव और वासुदेव का गोकुल पहुंचना।

  2. बाल लीलाएं – माखन चोरी, उल्टा लटकाना, यशोदा मैया की ममता।

  3. पूतना वध और शकटासुर वध – संकट में भी बालक कृष्ण की लीलाएं।

  4. नटखट कान्हा और ग्वाल-बाल – हँसी-मजाक, गोपियों संग रास।

  5. यशोदा का कृष्ण को बांधने की कोशिश – और अंत में मोहित हो जाना।

  6. रासलीला– जो श्री कृष्ण आपने राधा और गोपियों के बिच बासुरी के धूम पर महारास करती हुए।

ऐसे अनेक झाकिया के रूप आप पेश कर सकते है।


2.दोन पात्री नाटिका

पात्र:

कान्हा

यशोदा

कृष्ण लीला नाटिका: नटखट कान्हा की मस्ती

(मंच पर कान्हा माखन के बर्तन के पास झुकते हुए दिखते हैं। चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान)

कान्हा:

(धीरे से)
शुऽऽऽ! कहीं मैया ना देख ले..!
(मुंह में पानी भरते हुए)
वाह! माखन तो बहुत स्वादिष्ट है! थोड़ा और खा लूं… बहुत भूख लगी है!
(माखन खाते हुए)

(थोड़ी देर में कान्हा को पकड़ने के लिए यशोदा मंच पर आती हैं।)

यशोदा:
कान्हा! तूने फिर माखन चुराया? मैंने कहा था न, माखन को हाथ मत लगाना!

कान्हा:
(मासूमियत से)
ओऽऽ मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो..!
ये सब ग्वाले ही माखन खाते हैं और मुझे माखन चोर कहते हैं।
और तो और, सारी गोपियां मेरे मुंह पर माखन लगाकर मुझे नचवाती हैं और चुंबन लेकर मुझे बहुत परेशान करती हैं,मैया!
(मासूम चेहरे के साथ)
नहीं-नहीं, मैया! मेरे कान मत खींचो, मुझे मत बांधो।
मैं तो आपका प्यारा कान्हा हूं न…!

(थोड़ी देर रुककर कान्हा मंच के केंद्र में आते हैं। बांसुरी हाथ में लिए हुए।)

कान्हा:
मैं हूं कृष्ण कन्हैया,
बंसी बजैया, माखन चुरइया,
यशोदा का लल्ला,
नंद बाबा का राज दुलारा,
देवकी-वासुदेव का गोपाला।
सारी गोपियों का प्यार,
इस धरती पर प्रेम का रंग बरसाने आया हूं।

(गोपियों के साथ नृत्य करते हुए कान्हा गाते हैं।)

भजन:
छोटी-छोटी गईया, छोटे-छोटे ग्वाल,
छोटो सो मेरो मदन गोपाल।

कान्हा:
राधा से जुड़ा है मेरा हर काम,
सब कहते हैं मुझे राधेश्याम।
हर पल जो साथ रहते मेरे,
भैया प्यारे बलदाऊ राम।
कोई कहता है मुझे छलिया,
मुरली की धुन पर झूम उठी सारी गलियां।
गोपियों संग नाचे कन्हैया!

(मंच पर यशोदा और गोपियां आती हैं। सब कान्हा के साथ नृत्य करते हैं।)

भजन:
हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की!

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🚀 अब्दुल कलाम का सपना – सौरमंडल की सैर कविता | बच्चों के लिए विज्ञान और अंतरिक्ष प्रेरणा

"बच्चा अंतरिक्ष यान में बैठा है, ग्रहों की सैर करता हुआ – सौरमंडल की सैर कविता के लिए चित्र"

🚀 डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का सपना: सौरमंडल की सैर – बच्चों के लिए विज्ञान और अंतरिक्ष पर प्रेरणादायक हिंदी …

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