कोजागिरी पूर्णिमा पर कविता~
पर एक सुंदर कविता जो आप आपने प्रियजनों के स्वागत में
कोजागिरी पूर्णिमा शुभअवसर पर
गाये जो सभी के मन को भा जायें !
राधा कृष्ण के संग झूमेंगे हम उनके रंग…
रंग रंग जाएंगे,
नाचेंगे और गायेंगे;
ऐसी धूम मचाएंगे सब देखते रह जाएंगे…!
आओ सखिया हो जाओ तैयार
चंद्रमा जी की साक्षी मानकर मनाए हम कोजागीरी का त्योहार…
चांदनी रात में
ग्वाल गोपियों के साथ में
मांगे हम आज आशीष चंद्रमा जी के आगमन में….!!
जीवनसाथी का साथ मिले,
उम्र भर के लिए प्यार मिले, यही है प्रार्थना बस जीवन भर का साथ मिले
तो चलो होके मगन घूमेंगे नाचेंगे गरबा डांडिया के संग…!!
महारास करें हम राधा कृष्ण संग…
आई सुंदर बेल सजा है हमारा यह मधुबन मेला।
चंद्रमा जी का मीठा मीठा दूध लेंगे हम आज प्रसाद में,
जिससे मिलेगी हमें इस तेजस्वि चंद्रमा जी के प्रकाश में..!
रहेंगे हम रोगो से मुक्त करेंगे हर बीमारियों को दूर ऐसा है यह कोजागिरी का अमृततुल्य दुध
ऐसी संस्कृति में और त्योहारों में होती है खूबियां लुप्त..
जिसमें होता है नारायण का सत्व जाना है हमने कोजागिरी का महत्व..!!
FAQ
-
कोजागिरी पूर्णिमा क्या है?
कोजागिरी पूर्णिमा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे शरद पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। -
कोजागिरी पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
यह पर्व धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए मनाया जाता है। इसे देवी लक्ष्मी की पूजा और चंद्रमा की विशेष उपासना के लिए खास माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण माने जाते हैं। -
कोजागिरी का मतलब क्या है?
‘कोजागिरी’ शब्द ‘को जागर्ति’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है “कौन जाग रहा है?”। मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर घूमती हैं और जागरण करने वालों को धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं। -
कोजागिरी पूर्णिमा पर क्या विशेष किया जाता है?
-
देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
-
खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है।
-
परिवार के साथ रातभर जागकर भजन और कथा सुनाई जाती हैं।
-
-
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा का क्या महत्व है?
इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। माना जाता है कि उसकी किरणों में औषधीय और स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। -
कोजागिरी पूर्णिमा पर कौन से खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं?
इस दिन विशेष रूप से खीर बनाई जाती है, जिसे चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। इसके अलावा, हल्के और सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है। -
क्या कोजागिरी पूर्णिमा व्रत रखा जाता है?
हां, कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं और रात में पूजा के बाद ही भोजन करते हैं। -
कोजागिरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा में क्या अंतर है?
दोनों एक ही दिन मनाए जाते हैं, लेकिन रास पूर्णिमा भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों के रासलीला के संदर्भ में जानी जाती है, जबकि कोजागिरी देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की उपासना पर केंद्रित है। -
कोजागिरी पूर्णिमा 2025 में कब है?
कोजागिरी पूर्णिमा 2025 में 7 अक्टूबर को पड़ सकती है (सटीक तारीख पंचांग के अनुसार देखें)। -
क्या कोजागिरी पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व है?
माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं।
Please follow and like us: