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गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

प्रस्तावना

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में स्कूलों में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को हमारे संविधान, स्वतंत्रता संग्राम और देशभक्ति का महत्व समझाना है। गणतंत्र दिवस हमारे देश की आज़ादी और संविधान के सम्मान का प्रतीक है। हर साल 26 जनवरी को यह पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल और कॉलेजों में बच्चों और युवाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनसे उनमें देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना का विकास होता है। इस लेख में, गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव को जानकरसुनेहेरे भारत की  सुनहरी पहचान”  क्युकी फिरसे हमे अपने देश को सोनेकी चिड़िया बनाना है उसके लिए जागरूकता लाना अति आवशकल है ।

गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव
गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

गणत्रंत दिवस पर ० प्रेरणादायक कार्यक्रमों की सूची:

गणतंत्र दिवस स्कूल,कॉलेज प्रेरणादायक कार्यक्रम के २०  सुझाव जो स्कूल और कॉलेजों में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किए जा सकते हैं। ये सभी सुझाव का उपयोग कर और भी बहेतर तरीकेसे अपने प्रियजनों को,  दोस्तों और छात्रों में  देशप्रेम और उन वीरो का बलिदान कार्य का् उदहारण  बता सकते जैसे की अलग-अलग कल्पना को हम  ड्रामा,स्किट,कविता,चित्र प्रदर्शन आदि। के जरिये इस नए पीढ़ी को देशप्रेम,सद्भावना बढ़ाये ! टॉप ऐसे २० प्रेरणादायक कार्यक्रम  के सुझाव बहुत ही सीधी भाषा में खास आपके लिए।जिससे आपके चेहरे पर मुस्कान और आखो में चमक लाये  | Ideas और सुझाव जानने से पहले हम एक नजरअपने देश प्रेमियों ने इसकी कल्पना ने कैसे जन्म लिया,

गणतंत्र दिवस की शुरवात कब हुई? कैसे यह ख्याल इन देशप्रेमियो के मन में उत्त्पन्न हुआ ?

छात्रों को इसका ज्ञान होना अतिआवश्यक है ! उनका देश के प्रति समर्पण और बलिदान और कड़ी महेनत है यह जान पाएंगे है ना, उसके उपरांत हम प्रजासत्ताक दिन निमित्त होने वाले कार्यकर्म की सूचि के रूप में  नए नए सुझाव को जानेंगे ! जिस से आपक ेप्रोग्रम को चार चाँद लगे और प्रदर्शनी से बच्चे बहुत कुछ सिख पाते है ।साथ ही साथ जिनका उपयोग स्कूल के कार्यक्रमों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए किया जा सकता है।

गणतंत्र दिवस पर स्कूल और कॉलेजों के लिए २० प्रेरणादायक कार्यक्रम·

फ़ोकस: स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के सुझाव।

उपयोग: शैक्षणिक संस्थानों और बच्चों के बीच देशभक्ति बढ़ाने के लिए।

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भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

"गणतंत्र दिवस 2024: भारतीय इतिहास, महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव"

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

शुरुआत

26 जनवरी का विशेष उत्सव” जो की  “भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व” जिसमे  यह उत्सव जो की  जनता के आजादी का जश्न पहली बार कहां मनाया गया था 
गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। हर वर्ष 26 जनवरी को पूरे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें हमारे संविधान की ताकत और लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है।भारतीयगणतंत्र दिवस का इतिहास,महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव” जो की आनेवाले पीढ़ी में देशप्रेम एकता बढ़ने के लिए  26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। भारतीय गणतंत्र दिवस, हर भारतीय के लिए गर्व और उत्साह का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक दिन के पीछे कई दिलचस्पी घटनाएं और कहानियां छिपी हैं। गणतंत्र दिवस: भारत के गौरव का प्रतीक तथा एकता और आदर की भावना को बढ़ाना है ।🧡🤍💚

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व
भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

गणतंत्र दिवस के विचार की शुरुआत

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान हुई थी, जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारतीयों के लिए एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और गणराज्य की कल्पना की। गणतंत्र दिवस मनाने का विचार विशेष रूप से डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारतीय संविधान के निर्माण के बाद आया।

भारतीय संविधान को 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया था, और यह 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ, जब भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया। 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1930 में लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता (पूर्ण स्वराज)की घोषणा की थी। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में चुना गया था।

इस प्रकार, गणराज्य का विचार और गणतंत्र दिवस का आयोजन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं के सामूहिक प्रयास और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की भूमिका से जुड़ा हुआ है।


गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य
गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान के लागू होने और लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना का उत्सव मनाना है। यह दिन हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और विविधता में एकता का प्रतीक है।

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि
हर साल गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। यह परंपरा भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को प्रदर्शित करती है। यह भारत के राजनयिक संबंधों और दोस्ती को मजबूत करने का अवसर भी है।

चित्र प्रदर्शनी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूरे देश में अनेक रंगारंग कार्यक्रम और झांकियां देखने को मिलती हैं। स्कूलों, कॉलेजों, और सरकारी कार्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग इस दिन को अपने घरों और कार्यालयों में तिरंगा फहराकर, देशभक्ति गीत गाकर और अपने नायकों को याद करके मनाते हैं।

“भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास, 26 जनवरी को क्यों मनाते हैं और इसका महत्व। निबंध और भाषण के लिए उपयोगी जानकारी।” गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व समझाना और उसके प्रति जागरूकता फैलाना; यही उद्देश्य से ।चलो जानते है ,-

१। भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

२। गणतंत्र दिवस समारोह और परंपराएं

३। प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान और  उनका संघर्ष

४। 26 जनवरी को ही क्यों चुना गया?

५। भारतीय संविधान की कहानी

६। संविधान लागू होने की तैयारी

७। गणतंत्र दिवस पर निबंध और भाषण के सुझाव

८। गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं हम इसमें जानेगे

  1. फ़ोकस: भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व।

  2. उपयोग: निबंध, भाषण और छात्रों की जानकारी बढ़ाने के लिए।

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व विस्तृत रूप में जानते है –

१। भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

  आजादी के बाद भारत को एक सशक्त और स्वतंत्र गणराज्य बनाने के लिए एक संविधान की आवश्यकता थी। आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी एक ऐसा संविधान बनाना, जो देश की विविधता को संभाल सके और सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर सके। इसके लिए 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा का गठन हुआ, और डॉ. भीमराव अंबेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकार किया गया और तैयार हुआ।

  2 साल, 11 महीने और 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद हालांकि, इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 का दिन चुना गया। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था। प्रजासत्ताक दिन का इतिहास और महत्व ऐसा बहुत कुछ आज के पीढ़ी को जानने जैसा है !  

२। गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व

  • गणतंत्र दिवस केवल एक त्योहार नहीं है, यह हमारी आज़ादी, संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था का उत्सव है। यह दिन हमें अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है।
    हमारा संविधान न केवल हमें स्वतंत्रता की गारंटी देता है, बल्कि यह समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर आधारित है।
    पहला गणतंत्र दिवस न केवल एक नए युग की शुरुआत थी, बल्कि यह भारत के नागरिकों को यह याद दिलाने का दिन भी था कि अब देश का भाग्य उनके हाथों में है।

    आज भी 26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए गौरव और कृतज्ञता का दिन है। यह हमारे लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संविधान की भावना को सलाम करने का दिन है।

    गणतंत्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम सब समान हैं और एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना हमारा कर्तव्य है।

पहली बार कहां और कैसे मनाया गया गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस समारोह

३। गणतंत्र दिवस समारोह और परंपराएं:-

गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह नई दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित किया जाता है। इस समारोह में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने पहली बार परेड में भाग लिया। झांकियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, परंपरा और प्रगति को प्रदर्शित किया गया। लाखों लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए सड़कों पर उत्साह के साथ भाग लिया।

इसमें भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं और राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके बाद सैन्य परेड, झांकियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती हैं। विभिन्न राज्यों और विभागों की झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और विकास को प्रदर्शित करती हैं। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली और भारतीय गणराज्य का औपचारिक आरंभ हुआ। पहली बार गणतंत्र दिवस का समारोह नई दिल्ली के इर्विन स्टेडियम (अब राष्ट्रीय स्टेडियम) में आयोजित किया गया। बल अपनी शक्ति और पराक्रम का प्रदर्शन करते हैं।

जब संविधान को तैयार किया जा रहा था, उस समय इसे हाथ से लिखा गया था। इसकी पूरी हस्तलिपि शांति निकेतन के कलाकार प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई। वे इसके लिए कोई पारिश्रमिक नहीं चाहते थे, बल्कि उन्होंने अपनी हस्तलिपि में इसे लिखने को देश के प्रति अपनी श्रद्धांजलि कहा। डॉ. अंबेडकर और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित किया कि संविधान में हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों के अधिकार सुरक्षित रहें।

४। प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान और उनका संघर्ष

यहाँ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान के बारे में जानकारी दी गई है:-बलिदान और संघर्ष का जिक्र करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें देशप्रेम और त्याग की भावना से भर देता है। यहाँ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान के बारे में जानकारी दी गई है।

  • भगत सिंह – स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी जान दी। उनका प्रसिद्ध नारा “इंकलाब ज़िंदाबाद” आज भी गूंजता है। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया और उनका नाम हमेशा याद किया जाएगा।
  • सुभाष चंद्र बोस – उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) का गठन किया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ युद्ध लड़ा। “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” जैसे शब्दों से उनका योगदान अमूल्य है।
  • लक्ष्मी बाई (झाँसी की रानी) – उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वीरता से लड़ाई लड़ी और अपनी जान की बाज़ी लगा दी। उनका साहस और देशभक्ति भारतीय इतिहास में हमेशा जीवित रहेगा।

 

  •  सहीद उधम सिंह – उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बदले ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर का वध किया। उनका बलिदान यह दर्शाता है कि स्वतंत्रता के लिए किसी भी हद तक जाना संभव था।
  • बाल गंगाधर तिलकउन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को गति दी और “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” का उद्घोष किया। उनकी निष्ठा और संघर्ष ने भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया।
  • विपिन चंद्र पालउन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारतीय राजनीति में एक नई चेतना जागृत की। उनका योगदान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अनमोल था।

स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और बलिदान के परिणामस्वरूप, केवल महान नेता ही नहीं, बल्कि आम जनता भी स्वतंत्रता का सुख और हक़ महसूस करने लगी।इन वीरों के बलिदान क वजहसे भारतभूमि पवित्र हुई ! तो  इस ख़ुशी में इस “भारतीय गणतंत्र दिवस पैर इतिहास और महत्व” को जाने !

"गणतंत्र दिवस 2024: भारतीय इतिहास, महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव"
“गणतंत्र दिवस 2024: भारतीय इतिहास, महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव”

एक सच्ची घटना: 1

संविधान की हस्तलिपि और संघर्ष –26 जनवरी का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि 1930 में इसी दिन लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का संकल्प लिया गया था। इस तरह 26 जनवरी भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया।

एक सच्ची घटना: 2

2015 के गणतंत्र दिवस पर बराक ओबामा, जो उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति थे, मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। यह पहली बार था जब अमेरिका के राष्ट्रपति इस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और विविधता की सराहना की। यह भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।

गणतंत्र दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे संविधान, स्वतंत्रता और एकता की भावना का प्रतीक है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश के लिए और बेहतर भविष्य का निर्माण करें।

 

५। 26 जनवरी 1950 को ही संविधान लागू क्यों हुआ?

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950  में भारतीय गणतंत्र दिवस, का हर भारतीय के जीवन में एक विशेष स्थान है। इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ और भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया। लेकिन सवाल यह है कि 26 जनवरी 1950 को ही संविधान लागू करने के लिए क्यों चुना गया? इसके पीछे ऐतिहासिक और राजनीतिक कारण हैं।

६। भारतीय संविधान की कहानी

26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व है । 26 जनवरी 1930 को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की थी। यह घोषणा एक संकल्प थी कि भारतीय जनता अब स्वतंत्रता से कम किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करेगी। हालांकि, 15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन यह दिन ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से अलग होने का प्रतीक था। स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं ने फैसला किया कि जब संविधान लागू होगा, तो वह दिन 26 जनवरी होगा ताकि इसे स्वराज दिवस की ऐतिहासिक महत्ता के साथ जोड़ा जा सके।

७। संविधान लागू होने की तैयारी

भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। इसे लागू करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए था ताकि नए ढांचे के तहत प्रशासन और शासन के तंत्र को व्यवस्थित किया जा सके।

26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत का संविधान लागू हुआ। इस दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और भारत औपचारिक रूप से एक गणराज्य बन गया।

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व
भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

८। भारतीय गणतंत्र दिवस का संदेश

गणतंत्र दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम, संविधान और लोकतंत्र की अद्वितीय यात्रा की कहानी है। यह हमें याद दिलाता है कि हम एक संप्रभु और लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं।

गणतंत्र दिवस का जश्न न केवल हमारी उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेरणा देता है कि हम अपने देश को और बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयास करें।  

९। शुभकामना संदेश:

  • “इस गणतंत्र दिवस, देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लें। जय हिंद!”

(गणतंत्र दिवस पर भेजने के लिए):

  1. “गणतंत्र का यह पर्व हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। चलो, देश को और महान बनाएं। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!”

  2. “आज का दिन हमें गर्व और जिम्मेदारी दोनों का संदेश देता है। आइए, संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त करें। जय हिंद!”

  3. “इस गणतंत्र दिवस, हर दिल में हो तिरंगे का मान, और हर घर में हो भारत का गौरव। गणतंत्र दिवस की बधाई!”

 

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“आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

"आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन"

आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”~

यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि जो की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव है। जो तिल-गुड़ की मिठास, पतंगों की रंगीन उड़ान और परंपराओं केअनोखे संगम को दर्शाता है। परिपूर्ण ऐसे “आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन” द्वारा जान पाएंगे की मकर संक्रांति भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पवित्र पर्व है, जो धर्म, विज्ञान, समाज, और प्रकृति के अद्भुत संगम को दर्शाता है। यह हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ऋतु परिवर्तन, सामाजिक सौन्दर्य  और स्वास्थ्य संबंधी संदेश भी छिपा है और सूर्य उपासना का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का संदेश भी देता है। इस लेख में मकर संक्रांति आगमन से जुड़ी परंपराएं का संगम के साथ तिल-गुड़ का महत्व, पतंग उत्सव, विभिन्न राज्यों में इस पर्व की विविधताएं, और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सूर्य की धूप का महत्व जैसे सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है। यह सामाजिक मेल-जोल, रिश्तों की मिठास, और सकारात्मकता का भी संदेश देता है।

यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने और फसल कटाई का जश्न मनाने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस में परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”किस तरह मानते इस लेख में पढ़ेंगे।

  मकर संक्रांति का इतिहास, इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व, और जानें कैसे यह पर्व भारत के हर क्षेत्र में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। साथ ही, शुभकामना संदेश और कविताओं के माध्यम से इस पर्व की भावनात्मक छटा को भी महसूस करें।इस पर्व के दिन लोग तिल-गुड़ से बने लड्डू बांटते हैं और कहते हैं, “तिल गुड़ घ्या, गोड गोड बोला, जो मिठास और प्रेम का संदेश देता है।

  उत्तर में ‘खिचड़ी’, महाराष्ट्र में ‘हल्दी-कुंकुम’, और दक्षिण में ‘पोंगल’ जैसे नामों से पुकारे जाने वाले इस त्योहार की विविधता हमारी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। जानेंगे और साथ ही साथ पतंगबाजी इस पर्व की खास पहचान है, जहां धरा ने आसमान ने  रंग-बिरंगी पतंगों की जैसे मनो चादर ओढी हो!

और सुहासनी स्त्रियाँ लाल-पिली साड़ी पहनकर श्रृंगार कर एक दूजे को हल्दी कुंकुम लगाकर एवं  तेरुण्डा का अदन प्रदान करती है अपना सुभगय बढाती है तो इसकी साथ वो सभी सहेलियों को भेट स्वरुप लेख के जरिये शुभकाना दे सकती है ।और खुशियाँ,आशीर्वाद और प्यार बाट सकती है। है! ना , तो चलो पढ़े यह आकर्षित लेख-“परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

 

"आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन"
“आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

 

परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन के हर पहलू से समझते हैं।

Table of Contents (विषय सूची):

  1. मकर संक्रांति आगमन का परिचय

    • त्योहार का महत्व

    • मकर संक्रांति आगमन कब और क्यों मनाई जाती है

  2. मकर संक्रांति का ऐतिहासिक और धार्मिक परम्परों अनोखा संगम का महत्व

    • सूर्य उपासना और उत्तरायण

    • पौराणिक कहानियां और धर्मशास्त्रों में उल्लेख

  3. सूर्य की धूप का महत्व

    • स्वास्थ्य में विटामिन डी का योगदान

    • सर्दियों के मौसम में धूप का लाभ

  4. तिल-गुड़ का महत्व

    • तिल-गुड़ खाने की परंपरा और स्वास्थ्य लाभ

    • “तिल गुड़ लो, मीठा बोलो” का संदेश

  5. पतंग उत्सव: मकर संक्रांति की विशेषता

    • पतंग उड़ाने की परंपरा

    • भारत के विभिन्न हिस्सों में पतंग उत्सव

  6. मकर संक्रांति का उत्सव राज्यों में

    • महाराष्ट्र (हल्दी-कुंकुम और तिल-गुड़)

    • पंजाब (लोहरी)

    • तमिलनाडु (pongal )

    • उत्तर भारत (खिचड़ी और गंगा स्नान)

    • गुजरात (उत्तरायण)

  7. मकर संक्रांति पर खानपान

    • तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी, और अन्य व्यंजन

  8. मकर संक्रांति आगमन और सामाजिक परम्परों का संगम पहलू

    • रिश्तों में मिठास का संदेश

    • दान-पुण्य का महत्व

    • भारत में पतंगों के विभिन्न प्रकार और उनके नाम:

  9. मकर संक्रांति पर कविताएं और शुभकामनाएं

    • प्रेरणादायक कविता

    • शुभकामनाओं के संदेश

  10. निष्कर्ष

  • मकर संक्रांति आगमन का आधुनिक समाज में महत्व

  • सकारात्मक ऊर्जा और नई शुरुआत का पर्व चलो अब हम एक एक करके सभी पॉइंट्स के बारे में विस्तृत से जानते है। 

“आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

मकर संक्रांति का धार्मिक और खगोलीय महत्व:~

  1. धार्मिक दृष्टि:

    मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक है। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संदेश देता है।

    • पौराणिक संदर्भ: महाभारत में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्याग के लिए उत्तरायण का इंतजार किया था। इसे मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है।

  1. खगोलीय महत्व:

    मकर संक्रांति वह समय है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन से दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। यह समय सर्दियों के अंत और वसंत ऋतु की संक्रांति का महत्व इसे आध्यात्मिक जागृति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

  1. कृषि और समृद्धि:

    मकर संक्रांति किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि यह नई फसलों के घर आने का पर्व है। यह उत्सव उनके परिश्रम की सराहना और समृद्धि का प्रतीक है।

  2. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:

    मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ बांटने की परंपरा है, जिसमें कहा जाता है, “तिल गुड़ घ्या, गोड गोड बोला।” इसका संदेश है कि जीवन में मिठास बनाए रखें और अच्छे विचारों को अपनाएं। पतंग उड़ाना, दान-पुण्य करना, और हल्दी-कुमकुम जैसे आयोजन इस पर्व की खासियत हैं।

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“मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश”

"मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश"

मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश”

मकर संक्रांति यह हमारी संस्कृति, परंपराओं, और रिश्तों की मिठास का एक प्रतीक है। यह पर्व न केवल ऋतु परिवर्तन का संदेश देता है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम और एकता का संचार करता है।

सारांश : मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश” जो आप बेस्ट विशेष का अपने शुभेछा कार्ड में उपयोग कर सब के मन को खुश कर अपने प्यार और आशीर्वाद का इजहार कर सकते हो।

  ये सामग्री मकर संक्रांति का सार स्पष्ट रूप से व्यक्त करती है। यहाँ दिए हुई सभी मकर संक्रांति की टॉप 7 कविता और सन्देश आप अपने प्रियोजनो को दोस्तों को रिश्तेदारों को तथा सुहसानी महिलाये जो तेरुण्डा (वाण )साथ ही साथ संक्रांति विशेष रूप मकर संक्रंति क उपलक्ष में भेट स्वरुप यह कविताएं और शुभकामना संदेश दे सौभाग्य और प्रेम बढे साथ ही साथ बच्चो के स्कूल से संबंधित कोई भी प्रोजेक्ट में इसका उपयोग कर सकते है।

तो चलो मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेशआप नयी नयी कविता सन्देश पढ़कर मन को खुश करे ~Top 7 Makar Sankranti poems and wishes messages

 

 "मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश"
“मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश”

“मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश” यह जानने के पहले हम शार्ट में मकर

संक्रांति का महत्व

को जाने सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश के साथ, सर्द हवाओं में नई गर्माहट का आगमन होता है। यह पर्व तिल-गुड़ की मिठास से भरा हुआ है, जो हमें रिश्तों में प्रेम और समर्पण का पाठ सिखाता है। पतंगों की उड़ान हर दिल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संदेश देती है।

कविताओं का उद्देश्य

कविताएं भावनाओं का वह माध्यम हैं, जो मन के गहरे भावों को सहजता और खूबसूरती से व्यक्त करती हैं। मकर संक्रांति पर प्रस्तुत ये कविताएं त्योहार की सुंदरता, रिश्तों की मधुरता, और हमारी सांस्कृतिक जड़ों की मिठास को समेटे हुए हैं।

शुभकामना संदेशों का भाव

त्योहारों पर शुभकामनाएं देना और लेना हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। ये संदेश केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि अपनों के प्रति स्नेह और सम्मान का प्रतीक हैं। तिल-गुड़ से जुड़ी शुभकामनाएं हमें यह सिखाती हैं कि जीवन में मधुरता और विनम्रता सबसे बड़ा आभूषण है।

मकर संक्रांति: कविताओं और शुभकामनाओं का सजीव उत्सव

मकर संक्रांति, एक ऐसा पर्व जो न केवल हमारी परंपराओं को जीवित रखता है, बल्कि रिश्तों में नई मिठास भी घोलता है। जब ठंडी हवाएं धूप का आंचल थामती हैं, तिल-गुड़ की मिठास से घर-आंगन महकते हैं, और आसमान पतंगों से सजता है, तब यह त्योहार हर दिल को छू जाता है।

पेश है आपके लिए “मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश” 

1.कविता~संक्रांति का उत्सव

संक्रांति खुशियां लाया है,
संग अपने नए वर्ष की सौगात लाया है।
सूर्य की तपती धूप संग,
पतंगों ने आसमान सजाया है।

रंग-बिरंगी पतंगों की उड़ान,
हर दिल में जगी नई पहचान।
किसकी पतंग सबसे ऊंची जाए,
देखने को हर कोई उमंग से आए।

हवा संग बहें रंगों के सुर,
गगन में छाए पतंगों के गुर।
हर डोर में बंधा है प्यार,
संक्रांति का यह पर्व है अपार।

मिल-जुलकर रहें, बनाएं हर रिश्ता,
मीठे तिल-गुड़ से जोड़ें हर हिस्सा।
विनम्र व्यवहार, मीठी बोली,
संक्रांति देती है जीवन की डोली।

सूर्य देव का आशीर्वाद संग,
संक्रांति लाए नया उमंग।

यही है संदेश, यही है सार,
संक्रांति का प्यारा त्योहार।

 

मकर संक्रांति की शुभकामनाएं! तो
रिश्तों में मिठास और जीवन में उल्लास भरें।”

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*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*

"आया क्रिसमस का त्योहार: कविता की खुशबू के साथ" - हिंदी में सुंदर, चमकदार फॉन्ट में।

**क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी**

 

चलो दोस्तों,

 जाने हम क्रिसमस फेस्टिवल के बारे में क्यों मनाया जाता है ये फेस्टिवल? इससे क्या संदेश मिलता है? क्यों बच्चे इस फेस्टिवल के लिए इतना इंतजार करते हैं? सैंटा क्लॉज़ आने पर क्यों इतना खुश होते हैं ? उपहार मैं उन्हें क्या क्या मिलता है? इसकी शुरुआत कब से हुई कहाँ से हुई और क्यों हुई?

 क्रिसमस उत्सव को कैसे मनाए उसका इतिहास,महत्त्व को कैसे जानें जिससे हमें इस फेस्टिवल की पूरी जानकारी मिलेंगी। 

  ये सभी इस लेख के जरिये हर एक आपके मन के, सवाल का जवाब आपको यहाँ पर प्राप्त होंइसी मंतव्य से यह लेख बनाया हुआ है तो पूरा आर्टिकल आपको बहुत मददगार साबित होने वाला है; तो इस पर बने रहे और इस आर्टिकल से आप इसइसे भाषण, सूत्र संचालन के लिए तथा निबंध हो या कोई महत्वपूर्ण जानकारी इस क्रिसमस सेलिब्रेशन तथा उनकी सभी रीती रिवाज, फैक्ट फेस्टिवल की पूरी जानकारी साथ ही साथ कल्चर जो कि आपको स्कूली बच्चों को लेकर बड़ो त्तक सभी को काम आने वाला है और इस क्रिसमस फेस्टिवल को उत्सव को आप और भी उत्साहपूर्वक मना सकते हैं तो चले जानते हैं।

क्रिसमस एक ऐसा त्योहार और परंपराओं का महत्व को देखते हैं !

 

 

*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*
*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*

 

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसे पूरे विश्व में बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह न केवल ईसाई धर्म का त्योहार है, बल्कि इसे अब सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। आइए, क्रिसमस से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को सरल भाषा में जानते हैं।

**क्रिसमस का इतिहास**

क्रिसमस का संबंध यीशु मसीह के जन्म से है। माना जाता है कि करीब 2000 साल पहले, यीशु का जन्म बेथलहम (Bethlehem) नामक स्थान पर हुआ था। वह गरीब परिवार में पैदा हुए थे और उन्होंने अपने पूरे जीवन में मानवता, प्रेम, और करुणा का संदेश दिया।

यह त्योहार पहली बार चौथी शताब्दी में मना

*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*
*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*

या गया था। 25 दिसंबर की तारीख को चुना गया क्योंकि इसे सूर्य के देवता का भी दिन माना जाता था। ईसाई धर्म ने इसे यीशु मसीह के जन्म के रूप में अपनाया और यह परंपरा आज भी जारी है।

 **क्रिसमस क्यों मनाया जाता है?**

क्रिसमस का उद्देश्य केवल यीशु मसीह के जन्म का उत्सव मनाना ही नहीं है, बल्कि यह मानवता के प्रति प्रेम, दया और सेवा के संदेश को याद करने का दिन है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हम सभी को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और समाज में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।

*क्रिसमस कैसे मनाया जाता है?*

क्रिसमस के उत्सव की शुरुआत दिसंबर की शुरुआत से ही हो जाती है। लोग अपने घरों और आस-पास के स्थानों को सजाना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा:

  1. *🎄 क्रिसमस ट्री सजाना:*

– यह क्रिसमस की सबसे खास परंपरा है। लोग अपने घरों में हरे पेड़ (क्रिसमस ट्री) को रंगीन लाइट्स, सितारों और सजावटी चीजों से सजाते हैं।  शहरोमैं और सभी छोटे छोटे गांव में सभी बाजार मार्केट में ही सब चीजें लेने के लिए लोग आते हैं या फिर हैंडमेड चीजें बनाकर वेस्ट चीजो का उपयोग बेस्ट चीजें बनाने में करते हैं इस इस तरह इस उत्सव की तैयारी करते हैं।

  1. **🎅 सांता क्लॉज:**

– सांता क्लॉज बच्चों के लिए सबसे खास होते हैं।नाचते गाते घंटी बजाती आते हैं सैंटा क्लॉस बनकर उनके बच्चों की लिए चॉकलेट्स ढेर सारी खुशियां लाते है। वे बच्चों के लिए उपहार और उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेरते हैं।

  1. **✨ चर्च की प्रार्थना:**

– लोग चर्च जाकर यीशु मसीह की प्रार्थना करते हैं। मध्य रात्रि की विशेष प्रार्थना सभा में भाग लिया जाता है। सकारात्मकता की ऊर्जा (POSITIVE VIBES) को एकत्रित कर सब के लिए प्रार्थना करते हैं।

  1. **🎁 उपहारों का आदान-प्रदान:**

– परिवार और दोस्तों के बीच उपहार बाँटने की परंपरा है। यह प्यार और आपसी संबंध को मजबूत करता है।

  1. **🍪 पारंपरिक भोजन:**

– क्रिसमस के दिन लोग विशेष पकवान बनाते हैं, जैसे केक, कुकीज और टर्की आदि बड़े बड़े मेजबानी का भी आयोजन किया जाता है।

 **क्रिसमस का महत्व**

क्रिसमस का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा त्योहार है जो सभी को प्रेम, करुणा और भाईचारे का संदेश देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है:

Cristmas  खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*

– 🙏 जरूरतमंदों की मदद करें।

– ❤️ परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएँ।

– 🎉 खुशियाँ बाँटें और हर चेहरे पर मुस्कान लाएँ।

क्रिस्मस की दावत को रंगीन और स्वादिष्ट बना सकते हैं:

क्रिस्मस के अवसर पर कुछ ऐसे खास व्यंजन होते हैं जो दावत को और भी खास, मजेदार और जश्न से भर देते हैं। यहां कुछ ऐसे व्यंजन दिए गए हैं जो क्रिस्मस की दावत को रंगीन और स्वादिष्ट बनाओ

1. फ्रूट केक: क्रिस्मस का पारंपरिक मीठा व्यंजन, जिसमें सूखे फल, नट्स और मसाले होते हैं। यह खाने में बहुत स्वादिष्ट और उत्सव के माहौल के लिए परफेक्ट है।

2. रोस्टेड चिकन या टर्की: क्रिस्मस पर टर्की या चिकन का रोस्ट, मसालों और जड़ी-बूटियों से भरपूर, मेहमानों के लिए एक शानदार मुख्य व्यंजन है।

3. पुदीना चॉकलेट और क्रीम डेसर्ट: स्वादिष्ट चॉकलेट और क्रीम के साथ बने पुदीना केक, जो सर्दियों में एक ताजगी का अहसास देते हैं।

4. पैनटेटोन: यह इटालियन क्रिस्मस केक है, जो फ्रूट्स, नट्स और जड़ी-बूटियों से भरा होता है, और खासतौर पर क्रिस्मस में लोकप्रिय है।

5. गुड़ के लड्डू और खजूर के लड्डू:

इन लड्डुओं का स्वाद सर्दियों में विशेष रूप से अच्छा लगता है। यह इको-फ्रेंडली और स्वादिष्ट होते हैं, जो दावत में ताजगी और आनंद भर देते हैं।

6. मसालेदार वेजिटेबल सूप: खास मसालों और ताजे सब्जियों से बना सूप, जो क्रिस्मस की ठंड में गर्माहट लाता है।आपनी अंदर के शक्तियों बढाते हैं!

इस तरह अलग अलग व्यंजन बनाकर क्रिसमस का यह Festival के खुशियो को दुगुना करते हैं।

 **क्रिसमस से जुड़ी रोचक बातें**

  1. 🎅 सांता क्लॉज का असली नाम सेंट निकोलस था। वे गरीबों की मदद करते थे।

  2. 🎄 क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई।

  3. 🌟 हर साल, नॉर्वे का एक बड़ा क्रिसमस ट्री लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर पर सजाया जाता है।

  4. 🎶 “जिंगल बेल्स” गाना, जो क्रिसमस पर गाया जाता है, असल में थैंक्सगिविंग के लिए लिखा गया था।

**क्रिसमस का संदेश**

क्रिसमस हमें सिखाता है कि जीवन में प्यार, करुणा और शांति से बड़ी कोई चीज नहीं है। यह त्योहार हमें अपने आसपास के लोगों की मदद करने और उनके साथ खुशियाँ बाँटने के लिए प्रेरित करता है।

 **निष्कर्ष**

क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जो पूरी दुनिया को एकजुट करता है। यह केवल ईसाई धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि हर किसी के लिए खुशियों और प्रेम का अवसर है। तो इस क्रिसमस पर, दूसरों के जीवन में खुशियाँ भरें, जरूरतमंदों की मदद करें और अपने परिवार के साथ इस दिन को खास बनाएँ।

*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*
*क्रिसमस: एक खूबसूरत त्योहार की पूरी जानकारी*

 

Marry Christmas Time

🎄(संक्षिप्त और सटीक जानकारी दी गई है):

1.क्रिसमस क्या है और इसे कब मनाया जाता है?

क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है, जो यीशु मसीह के जन्म की खुशी में 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

2.यह बच्चों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

क्रिसमस बच्चों के लिए खास होता है क्योंकि इसे खुशी, तोहफों, और सांता क्लॉज़ के इंतजार से जोड़ा जाता है।

3.Happy Christmas कैसे मनाया जाता है?

क्रिसमस प्रार्थना, क्रिसमस ट्री सजाने, तोहफे देने, और खास पकवान बनाने के साथ मनाया जाता है।

4.क्रिसमस फैक्ट्स

सांता क्लॉज़ की कहानियाँ बच्चों को बहुत आकर्षित करती हैं।

रंगीन जुराबों और कैंडी के जरिए घर सजाने की परंपरा है।

 

5.क्रिसमस ट्री के बारे में बेहतरीन फैक्ट्स

क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई।

इसे सितारों, घंटियों, और रोशनी से सजाया जाता है।

 

6.बच्चों के लिए सांता क्लॉज़ से जुड़े फैक्ट्स

सांता क्लॉज़ लाल कपड़े पहनने वाले दयालु व्यक्ति माने जाते हैं।

वे बच्चों को उनकी अच्छाई के बदले तोहफे देते हैं।

 

7.क्रिसमस फूड के बारे में फैक्ट्स

प्लम केक, जिंजरब्रेड कुकीज़, और हॉट चॉकलेट खास व्यंजन हैं।

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग व्यंजन बनाए जाते हैं।

 

8.दुनिया भर से क्रिसमस से जुड़े मजेदार फैक्ट्स

जापान में क्रिसमस पर लोग केएफसी में खाना खाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में इसे गर्मियों के मौसम में मनाया जाता है।

9. क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाना

हां, क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने के लिए है। यह दिन 25 दिसंबर को मनाया जाता है और इसे ईसाई धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। इसे प्रेम, शांति, और मानवता के संदेश को फैलाने के पर्व के रूप में देखा जाता है।

10. सबसे पहले प्राचीन मिस्र और रोमन लोगों ने क्रिसमस ट्री का इस्तेमाल किया था?

👍यह सच है कि क्रिसमस ट्री का उपयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है। सबसे पहले, मिस्र और रोमन सभ्यता के लोग सदाबहार पेड़ों की शाखाओं का उपयोग सर्दियों के त्योहारों में सजावट के लिए करते थे। हालांकि, आधुनिक क्रिसमस ट्री की परंपरा जर्मनी से शुरू हुई, जहाँ 16वीं शताब्दी में इसे रोशनी और सजावट से सजाया जाने लगा।

 

11.‘एक्समस’ शब्द का मतलब ?

हाँ, ‘एक्समस’ (Xmas) का मतलब क्रिसमस है। यह शब्द यूनानी अक्षर ‘X’ (Chi) से लिया गया है, जो यीशु मसीह (Christos) के पहले अक्षर का प्रतिनिधित्व करता है। इस कारण, ‘एक्समस’ क्रिसमस का एक संक्षिप्त रूप है और इसे समान अर्थ में इस्तेमाल किया जाता है।

 

12. सैंटा क्लॉज को डच भाषा में सिंटरक्लास के नाम से जाना जाता था:

हाँ, सही है। सांता क्लॉज़ का नाम डच भाषा में “सिंटरक्लास” (Sinterklaas) था। यह नाम सेंट निकोलस से लिया गया है, जो एक दयालु और उदार ईसाई संत थे। डच परंपरा में सिंटरक्लास बच्चों को उपहार देने वाले व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध थे, और यही परंपरा बाद में सांता क्लॉज़ के रूप में विकसित हुई।

13. सैंटा क्लॉज हमेशा से लाल रंग के कपड़े नहीं पहनते थे ये सही हैं?

सही बात है! सांता क्लॉज़ हमेशा से लाल रंग के कपड़े नहीं पहनते थे। शुरुआती समय में, उन्हें विभिन्न रंगों के कपड़ों जैसे हरे, नीले और भूरे रंग में दिखाया जाता था।

लाल रंग में सांता क्लॉज़ की छवि को लोकप्रिय बनाने का श्रेय 1930 के दशक में कोका-कोला कंपनी को जाता है। उनके विज्ञापनों में सांता को लाल और सफेद रंग की पोशाक में दिखाया गया, जो कोका-कोला के ब्रांड रंगों से मेल खाती थी। इसके बाद यह छवि सांता का पहचान चिह्न बन गई।

14. लाल नाक वाला रेनडियर रुडोल्फ अकेला नहीं है

सही है! लाल नाक वाला रेनडियर रुडोल्फ सांता क्लॉज़ के स्लेज को खींचने वाले रेनडियर्स में से सबसे प्रसिद्ध है, लेकिन वह अकेला नहीं है।

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शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग /सूत्रसंचालन/ स्क्रिप्ट

शुभदीपावली पाहट गाणी की एंकरिंग/ सूत्रसंचालन

शुभदीपावली पाहट गाणी की एंकरिंग/ सूत्रसंचालन:-

Diwali Anchoring Script : दिवाली उत्सव पर मंच संचालन के लिए ऐसे तैयार करें एंकरिंग स्क्रिप्ट

पहले तो, शुभदीपावली की इस पाहट गाणी के कार्यकर्म के निमित से सभी को शुभकामनाएं देना चाहेंगे

“एक दिया तुम लगाओ,

एक दिया हम लगाएं

सतरंगी दियो से चारों दिशाओ में उजाला फैलाए!”🌠🎇🎆🔮

दीपावली की सभी को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं!!

सबसे पहले हम सब मिलकर ,पूरा माहेश्वरी परिवार मिलकर बालाजी का आह्वान करेंगे उसके पश्चात हमारे इस अनोखे के शुभदीपावली की इस पहाट गाणी के कार्यक्रम की शुरुआत होगी। बालाजी जी की स्तुति हेतु मैं.(….) इनको अनुरोध करती हूं आरती स्तुति प्रस्तुत करें.!!
आप सभी की मेहनत रंग लाई !
दीपावली में दीपों की रोशनी है छाई !!

आज के इस खास पर्व दीपावली की हम सभी को देते हैं हार्दिक-हार्दिक बधाई..!!!

शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग
शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग

✨✨✨✨✨
दीपो का उत्सव जाहा होता है बड़ी हर्षोल्लासो से वहां आशा , उम्मीद की रोशनी फैल जाती है।

शुभ दीपावली को पहाट गाणी सूंदर सूत्रसंचालन के साथ चारों दिशाओं में तेजोमय आरोग्यदाई प्रसन्नमय वातावरण से आनंद और शांति का एहसास होता है।

“सत्संग करें सुख, समृद्धी, शांति और आनंद मिले, यही आशा के साथ और विश्वास के साथ < प्रभाग,गाँव का नाम> ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी इस दिवाली के खास पर्व पर और भी फलदाई बनाने , तेजोमय दिवाली का उपहार हमें देने की कोशिश की है, कुछ पल हम अपने प्रभु के सानिध्य में बिताए!

तो बालाजी के दरबार में अपने भीतर स्थित दीपक भाती ज्योति से चारों दिशाएं रोशनी फैलाना,और सब के मन में उजियाला एवं सभी के लिए स्नेह की भावना उत्पन्न करना यही मंशा से आज हम एकत्रित आए है।

 

 शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग  

शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग

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