“मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश”
मकर संक्रांति यह हमारी संस्कृति, परंपराओं, और रिश्तों की मिठास का एक प्रतीक है। यह पर्व न केवल ऋतु परिवर्तन का संदेश देता है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, प्रेम और एकता का संचार करता है।
सारांश : “मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश” जो आप बेस्ट विशेष का अपने शुभेछा कार्ड में उपयोग कर सब के मन को खुश कर अपने प्यार और आशीर्वाद का इजहार कर सकते हो।
ये सामग्री मकर संक्रांति का सार स्पष्ट रूप से व्यक्त करती है। यहाँ दिए हुई सभी मकर संक्रांति की टॉप 7 कविता और सन्देश आप अपने प्रियोजनो को दोस्तों को रिश्तेदारों को तथा सुहसानी महिलाये जो तेरुण्डा (वाण )साथ ही साथ संक्रांति विशेष रूप मकर संक्रंति क उपलक्ष में भेट स्वरुप यह कविताएं और शुभकामना संदेश दे सौभाग्य और प्रेम बढे साथ ही साथ बच्चो के स्कूल से संबंधित कोई भी प्रोजेक्ट में इसका उपयोग कर सकते है।
तो चलो मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेशआप नयी नयी कविता सन्देश पढ़कर मन को खुश करे ~Top 7 Makar Sankranti poems and wishes messages
“मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश” यह जानने के पहले हम शार्ट में मकर
संक्रांति का महत्व
को जाने सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश के साथ, सर्द हवाओं में नई गर्माहट का आगमन होता है। यह पर्व तिल-गुड़ की मिठास से भरा हुआ है, जो हमें रिश्तों में प्रेम और समर्पण का पाठ सिखाता है। पतंगों की उड़ान हर दिल को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संदेश देती है।
कविताओं का उद्देश्य
कविताएं भावनाओं का वह माध्यम हैं, जो मन के गहरे भावों को सहजता और खूबसूरती से व्यक्त करती हैं। मकर संक्रांति पर प्रस्तुत ये कविताएं त्योहार की सुंदरता, रिश्तों की मधुरता, और हमारी सांस्कृतिक जड़ों की मिठास को समेटे हुए हैं।
शुभकामना संदेशों का भाव
त्योहारों पर शुभकामनाएं देना और लेना हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। ये संदेश केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि अपनों के प्रति स्नेह और सम्मान का प्रतीक हैं। तिल-गुड़ से जुड़ी शुभकामनाएं हमें यह सिखाती हैं कि जीवन में मधुरता और विनम्रता सबसे बड़ा आभूषण है।
मकर संक्रांति: कविताओं और शुभकामनाओं का सजीव उत्सव
मकर संक्रांति, एक ऐसा पर्व जो न केवल हमारी परंपराओं को जीवित रखता है, बल्कि रिश्तों में नई मिठास भी घोलता है। जब ठंडी हवाएं धूप का आंचल थामती हैं, तिल-गुड़ की मिठास से घर-आंगन महकते हैं, और आसमान पतंगों से सजता है, तब यह त्योहार हर दिल को छू जाता है।
पेश है आपके लिए “मकर संक्रांति की टॉप 7 कविताएं और शुभकामना संदेश”
1.कविता~संक्रांति का उत्सव
संक्रांति खुशियां लाया है,
संग अपने नए वर्ष की सौगात लाया है।
सूर्य की तपती धूप संग,
पतंगों ने आसमान सजाया है।
रंग-बिरंगी पतंगों की उड़ान,
हर दिल में जगी नई पहचान।
किसकी पतंग सबसे ऊंची जाए,
देखने को हर कोई उमंग से आए।
हवा संग बहें रंगों के सुर,
गगन में छाए पतंगों के गुर।
हर डोर में बंधा है प्यार,
संक्रांति का यह पर्व है अपार।
मिल-जुलकर रहें, बनाएं हर रिश्ता,
मीठे तिल-गुड़ से जोड़ें हर हिस्सा।
विनम्र व्यवहार, मीठी बोली,
संक्रांति देती है जीवन की डोली।
सूर्य देव का आशीर्वाद संग,
संक्रांति लाए नया उमंग।
यही है संदेश, यही है सार,
संक्रांति का प्यारा त्योहार।
“मकर संक्रांति की शुभकामनाएं! तो
रिश्तों में मिठास और जीवन में उल्लास भरें।”
2 कविता-“संक्रांति का
प्यारा त्यौहार”–
संक्रांति है खुशियां लाया है
संग अपने नए वर्ष की सौगात को गले लगाया है।
संक्रांति का जनवरी महीना इसका तो क्या कहना,
सूर्य की तो तपती धूप में पतंग है खेलना।
रंग बिरंगी पतंगों की हड़ताल!
किसकी किसकी पतंग है बेमिसल?
यह देखने में हो जाते हैं सभी हल बेहाल
खुशियां बटोरने और तो अपनों के साथ मनाते हैं संक्रांति का त्योहार।
रहें मिलजुल कर ; “यही सन्देश देता है यह पावन मकर संक्रांति का प्यारा त्यौहार”
रखें मीठा मीठा सभी से विनम्र व्यवहार
यहाँ मिलता है सभीको आशीर्वाद और ढेर सारा प्यार !!
3.मकर संक्रांति पर कविता
मकर संक्रांति का त्योहार,
प्रकृति का अनमोल उपहार।
सूरज की धूप लाए नया प्रकाश,
तिल-गुड़ में हो रिश्तों की मिठास।
पतंगों से भरा है नीला आकाश,
मिठास से भरे हर दिल के आस-पास।
खुशियों का संदेश दे यह त्योहार,
प्यार और स्नेह का हो विस्तार।
तिल-गुड़ घ्या, मीठा मीठा बोलो,
जीवन में मधुरता का दीप जलाओ।
संक्रांति का पर्व सिखाता है हमें,
हर रिश्ते को सहेजना है हमेशा।
4.मकर संक्रांति पर कविता
मकर संक्रांति का त्योहार,
भारत संस्कृति के लिए है उपहार।
विभिन्न रूप में देशभर में मनाया जाता,
श्रद्धा से सबका मन हर्षाता।
हल्दी-कुंकुम का सुहाग भरा हाथ,
तिल-गुड़ के संग खुशियों का साथ।
सूर्य मकर राशि में जब प्रवेश करता,
मीठी बोली का संदेश सब तक पहुंचता।
ना कोई रूठे, ना टूटे रिश्ता,
जोड़ें दिलों को जैसे तिल-गुड़ का हिस्सा।
वसंत ऋतु की होती है शुरुआत,
सकारात्मकता संग नई ऊर्जा का संचार।
किसानों के जीवन में खुशियां लाए,
नई फसल संग समृद्धि के दीप जलाए।
पर्व यह देता जीवन को आकार,
मीठे बोल और अच्छे विचार।
रंग-बिरंगी पतंगों की होती है रौनक,
सूर्य की धूप संग जीवन की चमक।
करें खुशियों का आदान-प्रदान,
संक्रांति का त्योहार बने हर काम आसान।
तिल मिलाकर गुड़ बनाए सबका मूड,
संक्रांति के संग मनाएं नया उत्साह और जुनून।
5. कविता: धूप और तिल-गुड़ का संदेश
सूरज की किरणों में छिपा है जीवन का सार,
प्रकाशित करती धरा को, देती ऊर्जा अपार।
सर्दी के मौसम में बनती यह ढाल,
विटामिन डी का है यह कमाल।
तिल-गुड़ संग आई खुशियों की बहार,
मकर संक्रांति का त्योहार है सबसे प्यारा उपहार।
तिल की शक्ति और गुड़ की मिठास,
रिश्तों में भर देती है नई उमंग, नई आस।
तिल-गुड़ घ्या, गोड गोड बोला,
स्नेह और सद्भावना का दीपक हर मन में डोला।
धूप का आनंद लो, स्वास्थ्य को संभालो,
संक्रांति के इस पर्व पर हर दिल को उजाला।
6. कविता –मकर संक्रांति का संदेश निराला
मांझे की डील, पतंग की चाल
तिल-गुड़ में घुल गई हर बात कमाल।
चमकीले आसमान में उड़ती पतंग,
मांझे की धार से रिश्ता जोड़ती,
हर दिल की खटास को दूर कर देती।
तिल-गुड़ का मिष्ठान लाया मिठास,
जोड़ दिया दिलों को, बढ़ाई सुवास।
“तिल ले लो, गुड़ का लो स्वाद,”
मीठे बोलों से मिटा दी हर नाराज।
पतंगों की लड़ाई, लेकिन मन से सच्ची,
खुशियों की ये डोरें हैं पक्की।
मकर संक्रांति का संदेश निराला,
हर रिश्ते में भर दे उजाला।
चलो तिल-गुड़ से बनाए मीठा व्यवहार,
मांझे के संग उड़ाएं खुशियों के पतंग हजार।
7.मकर संक्रांति विशेष कविता-
हल्दी-कुमकुम के रंग
संक्रांत का महीना है पावन,
नये साल का हुआ है आगमन।
सखियां मिलकर उत्सव मनाएं,
हल्दी-कुमकुम से घर सजाएं।
सुहाग का यह पावन संग,
तिल-गुड़ से घुलती है उमंग।
कट गई पतंग सी खटास,
मकर संक्रांति का नव उल्लास।
लाल साड़ी में दमक रही,
हर सखी आज चमक रही।
दिल में उमंग, खुशी अपार,
तेरुंडा संग उत्सव हर बार।
आरोग्य और सुहाग की बुनियाद,
संक्रांति लाती जीवन में मिठास।
संस्कृति का सुंदर यह संगम,
हल्दी-कुमकुम का अद्भुत संग्राम।
जय श्री कृष्णा कहें सभी,
नववर्ष में भरें नई खुशी।
स्नेह और उल्लास का उत्सव मनाएं,
मकर संक्रांति से जीवन सजाएं,
सखियां संग ये पर्व मनाया,
संस्कृति का गौरव फिर दोहराया।
साल का पहला प्रोग्राम खास,
ऑफलाइन मिलन का उल्लास।
इस पर्व को दें दिल से आदर,
संस्कृति की गूंज, हर घर आंगन।
आरोग्यता और सुहाग का वरदान,
यही है मकर संक्रांति का गान।
संक्रांति की कविताएं: मन के भावों का इज़हार
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धूप का प्यारा उपहार
सर्दी की ठिठुरन को खत्म करने आया,
सूर्यदेव ने धूप का सन्देश पहुंचाया।
मकर संक्रांति का पर्व ये कहता,
रिश्तों को तिल-गुड़ सा मीठा बनाता।
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पतंगों की उड़ान
आसमान में पतंगों का जश्न है छाया,
हर दिल में एक नया ख्वाब आया।
मकर संक्रांति का संदेश ये लाता,
हर कठिनाई को साहस से हराता।
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तिल-गुड़ की मिठास
तिल कहे—संग रहो,
गुड़ बोले—मीठा कहो।
दोनों मिलकर संदेश सुनाएं,
मकर संक्रांति को खास बनाएं।
खेतों में लहराती नई फसल,
किसानों के चेहरे पर सजी मुस्कान।
मकर संक्रांति का ये पर्व हमें,
प्रकृति से जोड़ने का देता ज्ञान।
शुभकामनाएं जो दिल छू लें
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“तिल-गुड़ से रिश्तों में मिठास बढ़ाएं,
पतंगों संग अपने सपने सजाएं।
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं।” -
“सूर्य की पहली किरण आपको नई ऊर्जा दे,
मकर संक्रांति का त्योहार आपके जीवन में खुशियां भर दे।” -
“सर्द हवाओं में धूप की गर्माहट हो,
आपके हर सपने में खुशियों की आहट हो।
मकर संक्रांति की ढेरों शुभकामनाएं!”
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त्योहार का संदेश:
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“सूरज ने भेजा प्रकाश का संदेश,
मकर संक्रांति लाए रिश्तों में नव संदेस।”
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बधाई और शुभकामनाएं:
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“तिल-गुड़ खाओ, मीठा-मीठा बोलो,
जीवन में खुशियां लाओ, सुख-शांति तोलो।
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं।”
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खानपान और परंपराएं:
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“तिल के लड्डू, गुड़ की मिठास,
पतंगों के संग रिश्तों में बढ़े आस।”
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सार-संक्षेप (सूत्रसंचालन के लिए उपयोगी):
“मकर संक्रांति सिर्फ पर्व नहीं, यह आस्था और समर्पण का प्रतीक है।
तिल-गुड़ की मिठास, पतंगों की उड़ान, और सूर्य की उपासना हमें नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देती है।
आइए, इस संक्रांति पर मीठा बोलें, खुशियां बांटें और जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।”
बधाई संदेश (Happy Sankranti Wishes):
“तिल हम हैं, गुड़ आप हैं, मिठास हम दोनों से है। मकर संक्रांति के इस शुभ अवसर पर आपको ढेरों शुभकामना
“पतंगों की उड़ान और खुशियों की बौछार,
आपके जीवन में लाए मकर संक्रांति बारंबार।”
“सूर्य की रौशनी और तिल-गुड़ की मिठास
आपके जीवन को रोशन करे। शुभ मकर संक्रांत!”
संक्रांति का संदेश:
मकर संक्रांति केवल एक पर्व नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू को सकारात्मकता से जोड़ने का नाम है। सूर्य की दिशा बदलते ही, यह त्योहार हमें एक नई दिशा में बढ़ने की प्रेरणा देता है। तिल-गुड़ का महत्व केवल मिठास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें सिखाता है कि जीवन की कड़वाहट को सहन करते हुए, उसे प्रेम और मीठे शब्दों से बदलना चाहिए।
1.सूर्य देवता का आशीर्वाद
सूर्य की रश्मियां बिखेरे उजाला,
तिल-गुड़ का संदेश है निराला।
नई ऊर्जा, नए विचार,
मकर संक्रांति लाए खुशियों का उपहार।
“आपके जीवन में सूर्यदेव का आशीर्वाद और तिल-गुड़ की मिठास बनी रहे। शुभ मकर संक्रांति!”
2. रिश्तों में मिठास
तिल-गुड़ लो, मीठा बोलो,
संबंधों में प्यार का रस घोलो।
संक्रांति का ये पावन त्योहार,
लाए जीवन में सुख अपार।
“मकर संक्रांति का यह पर्व आपके रिश्तों को तिल-गुड़ की मिठास से भर दे।”
आसमान में पतंगें सजती,
नई उम्मीदें हर दिल में बसती।
उड़ते हैं सपने ऊंचे-ऊंचे,
संकल्पों के साथ सब आगे बढ़ते।
“आपके सपने पतंग की तरह ऊंचाइयों को छुएं। शुभ मकर संक्रांति!”
4. प्रकृति का त्योहार
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सर्द हवाओं में गर्मी का एहसास,
मकर संक्रांति लाए प्रकृति का उल्लास।
खेतों में लहलहाती नई फसलें,
हर दिशा में खुशियां मचलें।
“मकर संक्रांति आपके जीवन में हरियाली और खुशियों की फसल लाए।”
5.तिल-गुड़ का संदेश
तिल की मिठास और गुड़ का प्यार,
संग लाए नया साल और त्योहार।
संक्रांति का ये शुभ अवसर,
दे जीवन में सुखद प्रखर।
“तिल-गुड़ की मिठास से आपका जीवन मीठा हो। शुभ मकर संक्रांति!”
6.सूर्य देव को नमन
सूर्यदेव को हमारा नमन,
लाए जीवन में नई किरण।
मकर संक्रांति का ये त्योहार,
खुशहाल जीवन का करे विस्तार।
“मकर संक्रांति आपके जीवन में सूर्यदेव के आशीर्वाद से नई रोशनी और ऊर्जा लाए।”
आप इस तरह कविता का उपयोग शुभकामना संदेश के रूप में भी कर सकते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में पतंगबाजी की परंपरा है। उदाहरण के लिए, रामपुर की पारंपरिक पतंगें इस त्योहार पर विशेष महत्व रखती हैं।
मकर संक्रांति का पर्व महान,
सूर्य देव का करें सम्मान।
तिल-गुड़ की मिठास संग,
रिश्तों में भरें नई उमंग।
पतंगों से सजा आकाश,
हर दिल में नई आस।
खुशियों का यह है त्योहार,
मंगलमय हो आपका संसार।
इस प्रकार, मकर संक्रांति का पर्व तिल-गुड़ की मिठास, पतंगों की उड़ान, और सूर्य उपासना के साथ हमारे जीवन में खुशियां और समृद्धि लाता है।
संपूर्ण सार:~
मकर संक्रांति रिश्तों की डोर को मजबूत करती है, पतंगों की तरह सपनों को ऊंचा उड़ने देती है, और सूर्य के उजाले के साथ हर कठिनाई को हराने की हिम्मत देती है।
“मकर संक्रांति का त्योहार हर दिल को नया उत्साह और हर जीवन को नई दिशा दे।”
आप सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं!
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- यह लेख मकर संक्रांति के पावन पर्व पर कविताओं और शुभकामना संदेशों का संग्रह है। इसमें आपको पर्व के महत्व, परंपराओं, और भावनात्मक पहलुओं को समझने का अवसर मिलेगा। चाहे आप किसी को शुभकामनाएं देना चाहें, या अपने मन के भावों को कविता के रूप में व्यक्त करना चाहें, यह लेख आपके लिए एक अद्वितीय प्रेरणा स्रोत साबित हो
“संक्रांति का हर दिन लाए नई रोशनी,
तिल-गुड़ संग रिश्तों में घुली मिठास।
सूर्य की किरणों संग संकल्पों की उड़ान,
संक्रांति का पर्व है हर दिल का अरमान।”
आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं।
रिश्तों में मिठास और जीवन में उल्लास बना रहे।
निष्कर्ष
ये कविताएं और शुभकामना संदेश मकर संक्रांति के महत्व, तिल-गुड़ की मिठास, पतंगों की उड़ान, और रिश्तों की मधुरता को व्यक्त करते हैं। आप इन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा कर सकते हैं। “आप सभी को शुभ मकर संक्रांति!”
FAQ
1. *मकर संक्रांति पर कविताओं का क्या महत्व है?*
– मकर संक्रांति पर कविताओं का महत्व इस दिन के उल्लास, ऊर्जा, और प्राकृतिक बदलाव को व्यक्त करने में है। कवि इस दिन के महत्व को अपनी रचनाओं में पिरोते हैं, जैसे सूर्य देव का स्वागत, तिल-गुड़ का उत्सव, और पतंगबाजी का आनंद। कविताओं के माध्यम से लोग इस दिन की खुशी और धार्मिक महत्व को व्यक्त करते हैं।
2. *क्या मकर संक्रांति पर विशेष कविताएं लिखी जाती हैं?*
– हां, मकर संक्रांति पर विशेष कविताएं लिखी जाती हैं। ये कविताएं मुख्य रूप से सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश, तिल-गुड़ के संबंध में, और पतंगबाजी के उत्सव को लेकर होती हैं। कवि इस दिन को एक नई शुरुआत, ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं, जिसे अपनी कविताओं में व्यक्त करते हैं।
3. *मकर संक्रांति पर लिखी जाने वाली कविताओं में मुख्य रूप से क्या विषय होते हैं?*
– मकर संक्रांति पर लिखी जाने वाली कविताओं में मुख्य रूप से सूर्य देव का पूजन, पतंग उड़ाने की खुशी, तिल-गुड़ का सेवन और दान की महिमा जैसे विषय होते हैं। इन कविताओं में ऊर्जा, समृद्धि और प्रकृति के साथ सामंजस्य की भावना व्यक्त की जाती है।
4. *क्या मकर संक्रांति पर लिखी कविताओं का धार्मिक महत्व है?*
– हां, मकर संक्रांति पर लिखी कविताओं का धार्मिक महत्व है। इन कविताओं के माध्यम से लोग सूर्य देव की उपासना, तिल-गुड़ के महत्व, और इस दिन के पुण्य कार्यों की चर्चा करते हैं। ये कविताएं न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होती हैं।
5. *मकर संक्रांति पर कौन सी प्रसिद्ध कविताएं हैं?*
– मकर संक्रांति पर कई प्रसिद्ध कविताएं लिखी गई हैं, जिनमें सूर्य देव की आराधना और इस दिन के महत्व को दर्शाया जाता है। हालांकि, इस दिन की परंपराओं पर आधारित कविता संग्रह आमतौर पर लोक साहित्य में पाए जाते हैं।
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