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कोजागिरी पूर्णिमा टॉप 5 कविता राधा-कृष्ण महारास चंद्रमा की कृपा

कोजागिरी पूर्णिमा टॉप 5 कविता राधा-कृष्ण महारास चंद्रमा की कृपा🌕 

Table of Contents

कोजागिरी पूर्णिमा पर कविता

🌸 कोजागिरी पूर्णिमा का पावन अवसर 🌸

🔹 यह पर्व आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं।
🔹 मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और अमृत वर्षा करता है।
🔹 इस रात राधा-कृष्ण ने महारास रचाया था, जिसमें गोप-गोपियों ने प्रेम और भक्ति का अनूठा संगम किया।
🔹 कहा जाता है कि इस रात जागकर भक्ति और उपासना करने से सुख, सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

कोजागिरी पूर्णिमा टॉप 5 कविता राधा-कृष्ण
कोजागिरी पूर्णिमा टॉप 5 कविता राधा-कृष्ण महारास चंद्रमा की कृपा

🌕 कोजागिरी की विशेष पूजा और अनुष्ठान 🌕

चंद्रमा के प्रकाश में खीर और दूध का सेवन किया जाता है, जिससे रोग और कष्ट दूर होते हैं।
रात्रि जागरण, कीर्तन और भजन किए जाते हैं।
पति-पत्नी साथ में चंद्रमा को अर्घ्य देकर सुखमय जीवन की प्रार्थना करते हैं।
व्यापारी और गृहस्थ लोग धन-धान्य की कामना के लिए लक्ष्मी पूजन करते हैं।

🌕 कोजागिरी पूर्णिमा: राधा-कृष्ण महारास और चंद्रमा की कृपा🌕

🌿 कोजागिरी पूर्णिमा का संदर्भ 🌿

कोजागिरी पूर्णिमा, जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं, हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है। यह आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और अमृत वर्षा करता है। इस दिन राधा-कृष्ण ने महारास रचाया था, जिसमें गोप-गोपियों ने प्रेम और भक्ति का अनुपम संगम किया।

इस रात विशेष रूप से चंद्रमा की पूजा, खीर और दूध का सेवन, रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।


1.

कोजागिरी पूर्णिमा पर कविता

राधा कृष्ण के संग झूमेंगे हम उनके रंग…
रंग रंग जाएंगे,
नाचेंगे और गायेंगे;
ऐसी धूम मचाएंगे सब देखते रह जाएंगे…!

आओ सखिया हो जाओ तैयार
चंद्रमा जी की साक्षी मानकर मनाए हम कोजागीरी का त्योहार…

चांदनी रात में , ग्वाल गोपियों के साथ में
मांगे हम आज आशीष चंद्रमा जी के आगमन में….!!

जीवनसाथी का साथ मिले, उम्र भर के लिए प्यार मिले,

यही है प्रार्थना बस जीवन भर का साथ मिले
तो चलो होके मगन घूमेंगे नाचेंगे गरबा डांडिया के संग…!!

महारास करें हम राधा कृष्ण संग…
आई सुंदर बेल सजा है हमारा यह मधुबन मेला।

चंद्रमा जी का मीठा मीठा दूध लेंगे हम आज प्रसाद में,

जिससे मिलेगी हमें इस तेजस्वि चंद्रमा जी के प्रकाश में..!

रहेंगे हम रोगो से मुक्त करेंगे हर बीमारियों को दूर

ऐसा है यह कोजागिरी का अमृततुल्य दुध
ऐसी संस्कृति में और त्योहारों में होता  है अंहकार लुप्त..

दूरिया हो जाती है समाप्त; प्रेम होता है  प्राप्त 

जिसमें होता है नारायण का सत्व,

जाना है हमने कोजागिरी का महत्व..!!


2.

🌕 कोजागिरी पूर्णिमा: राधा-कृष्ण के संग 🌕

राधा-कृष्ण के संग झूमेंगे, उनके ही रंग में रंग जाएंगे,
बंसी की मीठी धुन पर, प्रेम गीत हम गाएंगे।
रास रचाएंगे, नाचेंगे, गाएंगे,
ऐसी धूम मचाएंगे, सब देखते ही रह जाएंगे…!

आओ सखियों, हो जाओ तैयार,
चंद्रमा की साक्षी में मनाएँगे पावन त्योहार।
चांदनी रात में गोप-गोपियों संग,
कोजागिरी का आनंद लेंगे उमंग।

✨ दूध का अमृत पीकर तन-मन को नीरोग बनाएंगे,
चंद्रदेव से आशीष मांग, जीवन को उजियारा कर जाएंगे।
प्रेम, सौभाग्य, और सुख-समृद्धि का वरदान मिले,
जीवनसाथी का साथ मिले, हर जनम तक प्यार मिले।

यह कामना कर चन्द्रमा जी ने हम धायेंगे,

कोजागिरी पूर्णिमा हम सब मिलकर मनाएगे ।। 


3.

कोजागिरी पूर्णिमा पर कविता

🌸 सुंदर सजी हुई मधुबन की बेला,
राधा-कृष्ण संग झूमेगा सारा मेला।
डांडिया की थाप पर थिरकेंगे पग,
मधुर प्रेम का गूंजेगा राग।

रोग हरेंगे, आयु बढ़ाएँगे,
चंद्रमा का अमृत सबको स्वस्थ बनाएंगे।
ऐसा अनुपम पर्व, ऐसी अनुपम रात,
जिसमें बस प्रेम का संदेश है समस्त संसार के साथ…!


कोजागिरी पूर्णिमा टॉप 5 कविता राधा-कृष्ण महारास चंद्रमा की कृपा

4.

🌕 कोजागिरी पूर्णिमा और राधा-कृष्ण रास 🌕

राधा संग कृष्णा झूमें, बंसी मधुर बजाते हैं,
गोप-गोपियाँ संग मिल, प्रेम रास रचाते हैं।
चाँद की शीतल चाँदनी में, मधुबन गूंज उठता है,
कोजागिरी की इस रात में, प्रेम का सागर बहता है…!

✨ आओ सखियों, सजी है रंग-बिरंगी रात,
रास रचाएँगे संग सजे ये गोकुल के प्रांगण सात।
झूमेंगे-नाचेंगे, हर्ष मनाएँगे,
चंद्र देवता से आशीष हम पाएंगे…!


5.

कोजागिरी की शुभ रात ✨

सज गया अम्बर चाँदी सा, बिखरी शुभ्र उजास,
राधा संग कान्हा नाचे, मधुर प्रेम की आस।
रास रचाया वृंदावन में, गूँजे बंसी तान,
चंद्र किरणें बरस रही हैं, अमृत की पहचान।

झील-झरनों में झलके चंदा, निर्मल नीर समान,
संग प्रेम का रंग है गाढ़ा, संग कोजागिरी गान।
देवी लक्ष्मी भ्रमण करेंगी, पूछेंगी यह बात,
“जागे कौन है इस जग में, किस पर बरसे सौगात?”

घट-घट में जो दीप जलाए, मन से करे पुकार,
धन-धान्य और सुख समृद्धि से, भर दे उसका द्वार।
स्वास्थ्य-सुधा छलक रही है, चाँदनी की धारा,
जो खीर रखे रात सजीव, पा ले तन में तारा।

गरबा-डांडिया संग चले जब, थिरकें नटवर नागर,
राधा संग संगिनी बन, झूमे मन अनुरागर।
धड़कन-धड़कन प्रेम जगे, हर दिल बने सजीव,
कोजागिरी की रात सजी, चिर आनंद सजीव!

✨🌕 शुभ कोजागिरी पूर्णिमा! 🌕✨


🎤 एंकरिंग स्क्रिप्ट: कोजागिरी की शुभकामनाएँ 🎤

“नमस्कार, आप सभी को कोजागिरी पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आज की यह शुभ रात, राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम और महारास का प्रतीक है।
आइए, हम सभी इस रात्रि जागरण के माध्यम से भक्ति, प्रेम और सौभाग्य की वर्षा में स्नान करें।
शुभकामनाओं के साथ, कार्यक्रम का शुभारंभ करते हैं!

“शरद पूर्णिमा का ये पावन  क्षण
राधा-कृष्ण का मिले अमर प्रेम-धन
चंद्रमा की शीतल चाँदनी से,
आपका जीवन हो आलोकित प्रतिक्षण!”

आप सभी को कोजागिरी पूर्णिमा की मंगलकामनाएँ!

🌸 कोजागिरी पूर्णिमा का पावन अवसर 🌸

🔹 यह पर्व आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं।
🔹 मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और अमृत वर्षा करता है।
🔹 इस रात राधा-कृष्ण ने महारास रचाया था, जिसमें गोप-गोपियों ने प्रेम और भक्ति का अनूठा संगम किया।
🔹 कहा जाता है कि इस रात जागकर भक्ति और उपासना करने से सुख, सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

आप सभी को कोजागिरी पूर्णिमा की मंगलकामनाएँ!

📌 निष्कर्ष 📌

कोजागिरी पूर्णिमा सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण पर्व है। यह हमें प्रेम, भक्ति, आरोग्य और समृद्धि का संदेश देता है। इस शुभ अवसर पर राधा-कृष्ण के प्रेम से प्रेरणा लें, चंद्रमा की कृपा से जीवन में उजियारा भरें और इस पर्व का आनंद लें। 🌕✨


FAQ

  • कोजागिरी पूर्णिमा क्या है?
    कोजागिरी पूर्णिमा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसे शरद पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।

  • कोजागिरी पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
    यह पर्व धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के लिए मनाया जाता है। इसे देवी लक्ष्मी की पूजा और चंद्रमा की विशेष उपासना के लिए खास माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण माने जाते हैं।

  • कोजागिरी का मतलब क्या है?
    ‘कोजागिरी’ शब्द ‘को जागर्ति’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है “कौन जाग रहा है?”। मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर घूमती हैं और जागरण करने वालों को धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं।

  • कोजागिरी पूर्णिमा पर क्या विशेष किया जाता है?

    • देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।

    • खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है।

    • परिवार के साथ रातभर जागकर भजन और कथा सुनाई जाती हैं।

  • शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा का क्या महत्व है?
    इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। माना जाता है कि उसकी किरणों में औषधीय और स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं।

  • कोजागिरी पूर्णिमा पर कौन से खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं?
    इस दिन विशेष रूप से खीर बनाई जाती है, जिसे चंद्रमा की रोशनी में रखा जाता है। इसके अलावा, हल्के और सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है।

  • क्या कोजागिरी पूर्णिमा व्रत रखा जाता है?
    हां, कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं और रात में पूजा के बाद ही भोजन करते हैं।

  • कोजागिरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा में क्या अंतर है?
    दोनों एक ही दिन मनाए जाते हैं, लेकिन रास पूर्णिमा भगवान श्रीकृष्ण और गोपियों के रासलीला के संदर्भ में जानी जाती है, जबकि कोजागिरी देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की उपासना पर केंद्रित है।

  • कोजागिरी पूर्णिमा 2025 में कब है?
    कोजागिरी पूर्णिमा 2025 में 7 अक्टूबर को पड़ सकती है (सटीक तारीख पंचांग के अनुसार देखें)।

  • क्या कोजागिरी पूर्णिमा का वैज्ञानिक महत्व है?
    माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में औषधीय गुण होते हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं।

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