🪔”शुभ दीपावली पहाट गाणी एवं Top 2 सुंदर सूत्रसंचालन | स्वागत,आरती के साथ भक्ति पर्व“
Diwali Anchoring Script : दिवाली उत्सव पर मंच संचालन के लिए ऐसे तैयार करें टॉप 2 एंकरिंग स्क्रिप्ट
🌟 सूत्रसंचालन की आरंभिक पंक्तियाँ | Opening Anchoring Script with Welcome
(*दीपावली उत्सव सूत्रसंचालन स्क्रिप्ट)
[Background Music के साथ कोमल भक्ति राग / स्वर में]
🔅“ॐ असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥”
🪔🌅 दिवाली पहाट गाणी सहित सूत्रसंचालन का आरंभ
🎶 [Background: पारंपरिक पहाट गाणं – “उठ जागा रे मुरख वेडा”, “प्रभात झाली, वंदन कर प्रभुसी”]
“प्रकाशाच्या या मंगलमय सरींमध्ये,
चला भेटूया त्या प्रभूला – जो अंधारातही प्रकाश देतो।”

आगतम! स्वागतम! सुस्वागतम!
इस दिव्य दीपावली महोत्सव में, हम करते हैं हमारे परम आदरणीय अतिथि गणों का, मान्यवरों का, वरिष्ठजनों का, संगीत व भजन संध्या से जुड़े सभी कलाकारों का, और अपने आत्मीय गाँव-समाज एवं आयोजन मंडल का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन।
आज का ये आयोजन केवल एक परंपरा नहीं,
बल्कि एक भावना है – प्रभु के सान्निध्य में लयबद्ध होकर,
अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा करने की।
आईये, हम इस मधुरम्य वातावरण में कुछ पल के लिये स्वयं को भुलाकर,
प्रभु को हमारे बीच आमंत्रित करें,
उनके नाम का दीप जलाएं –
जो हमारे मन के कोनों को भी आलोकित कर दे।
<ग्राम/प्रभाग का नाम> परिवार ने हर वर्ष की भांति,
इस वर्ष भी एक विशेष संकल्प के साथ
तेजोमय दिवाली को आत्मिक उत्सव में बदलने की अनूठी पहल की है।
आप सभी की उपस्थिति ही इस आयोजन की आत्मा है।
तो आइए, दीपावली के इस भव्य रंगमंच पर
प्रेम, भक्ति, संगीत, आरती और सत्संग की वर्षा में तन-मन भीग जाने दें।
पहले तो, शुभ दीपावली की इस पाहट गाणी के कार्यकर्म के निमित से सभी को शुभकामनाएं देना चाहेंगे
✨✨✨✨✨
संगीतसे प्रफुल्लित वातावरण निर्मित कर रहे और हमें यह विश्वास है कि गानों से मन प्रसन्न, स्फूर्तिवान और तेजोमय हो जाएगा और हमारे बालाजी भगवान से यही प्रार्थना करेंगे कि हर विबतासे, मुश्किल मे हमें हिम्मत दे अच्छे कर्म करने की सद्बुद्धि हमें मिले और एकत्रित होकर समाज हित के लिए कार्य करें और सभी में हम खुशियों बाटे और खुश रहें।
यही आशा से हम आगे बढ़े..।.
आगतम स्वागतम सूस्वागतम अतिथि गणों का मान्यवर सभी संगीत काल से जुड़े सभीका हार्दिक स्वागत करते हैं और इस मधुरम्य वातावरण और कुछ पल के लिये स्वयं को भुलाकर प्रभुको हमारे बिच लाते है ।

आजचा दिवस फक्त सण नव्हे, ही एक प्रभूभेट आहे –
ज्याच्या दरबारात सांज, रात्र आणि पहाटही भक्तीची लकेर घेऊन येते।
🌅
पहाट गाण्यांच्या या भक्तिरसात,
स्वतःला विसरून प्रभूला आपल्या अंतःकरणात जागा देऊया।
आपल्या आदरणीय पाहुण्यांचे,
कला आणि संगीत विश्वातील मान्यवरांचे,
आणि सर्व सज्जन समाजबंधू-भगिनींचे,
आम्ही मन:पूर्वक स्वागत करतो।
(यह सूत्र संचालन हम दो मेंबर भी कर सकते हैं एंकर 1, एंकर 2 ऐसे नाम देकर यहां पर प्रस्तुत किया है)
🙏✨️🙏🙏🙏🙏🙏🙏✨️🙏
- *Pahaat Gaani Script*
Anchor 1
सर्वज्ञ सर्व वरदे सर्वदृष्टभयंकरी ।
सर्व दुःखहरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते।।
सुख और समृद्धी आपके आंगना झिल मिलाये…
दीपक अमन के चारो दिशाओ मे जगमगाये…
खुशिया आपके द्वार पर आकर खुशिया मनाये…
दीपावली की आप सभी को ढेरो शुभकामनाये…!!
Anchor 2
✨आज आपण दिवाळीच्या सकाळी आरती, भजन, कथा आणि सत्संगातून
फक्त शब्द नाही, प्रकाश आणि शांति अनुभवणार आहोत।
दीपो का उत्सव जाहा होता है
बड़ी हर्षोल्लास से आनंद से वहां आशा , उम्मीद की रोशनी फैल जाती है। चारों दिशाओं में…;
साथ तेजोमय आरोग्यदाई प्रसन्नमय वातावरण से आनंद और शांति का एहसास होता है। इस सत्संग में हम लीन हो जाये ,
यही आशा के साथ और विश्वास के साथ( ……..नाम) प्रभाग में इस दिपावली के खास पर्व को और भी फलदाई बनाने के लिए कुछ पल हम अपने प्रभु के सानिध्य में बिताना और दीपावली के उत्सव को द्विगुणित करना है यही आशा से आज आप सभी को यहां आमंत्रित किया हैं…!
बालाजी के दरबार में अपने भीतर स्थित दीपक भाती ज्योति से चारों दिशाएं रोशनी जगमगा कर नए वर्ष की शुरुआत करते हैं इसी मंशा से
प्रभाग के सभी कलाकार जैसी कि
बड़ों से लेकर छोटो …ने इस पहाट गानी में आपणा अमूल्य योगदान दिया है ..
और आप तो जानते ही हैं ।
इस…….साल से चल रहे हैं इस पहाट गाणी के खास पर्व को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उतनी ही उत्साह मनाने जा रहे हैं अगर आपका साथ होगा और आपकी तालियां होगी तो हर कलाकार जैसे उनका उत्साह और बढ़ेगा और यहाँ का माहौल जैसे अयोध्या का हो जाएगा।
तो सभी कलाकारों के कला के जरिए उनके मधुर गाने से छत्रपती संभाजीनगर के धरती पर आज संगीतसे प्रफुल्लित वातावरण निर्मित करे । हमें यह विश्वास है कि गानों से मन प्रसन्न स्फूर्तिवान और तेजोमय हो , हमारे बालाजी भगवान से यही प्रार्थना करेंगे कि हर ..मुश्किलोसे लढते हुए और अच्छे कर्म करने की बुद्धी दे एवं सभी आनंददायी जीवन जिए।
Anchor1
“झाली झाली पहाट …
आली आनंदाची वाट…
मंत्रमुग्ध गाने ने करूं दिवसाची सुरुवात..।
Anchor2
चला तर मंडळीं ,
वाहू मधुर भजन, भुपाळया ने ईश्वर चरणी, करकमल धरूनी ,जोडूनी दोन्ही हाथ…
मी (नाम ***)
माझी सखी (नाम***)
आम्ही करतो विनंती आज …!
Anchor 1-Anchor 2 (एक साथ बोलना जोर से)
कलाकारन्ना तुमची हवी आहे साथ।
तर चला करू या सूरुआत।
Anchor 2
तन मन धन प्रभु की सेवा में अर्पण करने से पूरा होगा सफल काज …
यही है प्रभु भक्ति के,
निकट आने का राज ..!
Anchor 1
चलो करते हैं शुरुआत हुआ है आगमन सभी का..
आनंद उठाएं हम इस अनोखे Pahaat Gaani का…!!
दीपावली का यह पावन पर्व आपके जीवन में मंगलमय भावना का संचारकर जीवन को समृद्ध बनाये
दीपावली का उत्सव आपको
शिव की शक्ती, मीरा की भक्ती,
गणेश की सिद्धी, चाणक्य की बुद्ध.. शारदा का ज्ञान, राम की मर्यादा..
हरिश्चंद्र की सत्यता, कुबेर की संपन्नता और चंद्रमा की शीतलता प्रधान करे…!

Anchor 1-Anchor 2
सुप्रभातम सुप्रभातम आगतम स्वागतम सुस्वागतम जय श्री कृष्ण , जय महेश ✨️🙏🥁
1.Anchor 2
इस गुलाबी थंडी के आंचल में,
चिड़िया हुई है भोर विभोर,
सत्संग करने आए …
न मचाइए कोई शोर,
प्रभु का आगमन होगा जब प्रभु भक्ति की मजबूत होगी डोर..!!
तब
शुभ दीपावली का उजियारा छाएगा चारों ओर …!
चलो सुनते हैं …….
. (गायक गायिका का नाम )…के सुमधुर आवाज में प्रस्तुत, सुप्रभातम गीत
जो मन में बसाएगा ,
हरि नारायण की प्रीत.. हरि नारायण की प्रीत।
2. Anchor 1
तुमचा मनातील सर्व मनोकामना पूर्ण होवोत, सर्वांना सुख-समृद्धी ऐश्वर्य शांती आरोग्य लाभो,
वंदन करतो गणरायाला, हात जोडते वरद विनायकाला
प्रार्थना करते गजाननाला, सुखी ठेव नेहमी आम्हा सर्व तुझ्या भक्तांना
कोणतेही कार्यक्रमाची सुरुवात गणपतीच्या आगमनाने होते त्यांच्या वंदने साठी (श्री…. व सौ ….. )घेऊन येत आहे प्रथम तुला वंदितो कृपाळा
3. Anchor 2
भूपाळी हा मराठी पारंपरिक संगीतप्रकार आहे. देवाला पहाटे जागे करण्यासाठी भूपाळी गाण्याची महाराष्ट्रात सांस्कृतिक परंपरा आहे. सहसा भुपाळ्या भूप रागात बांधलेल्या असतात.
रात्रीचा अंतिम प्रहर व दिवसाचा पहिला प्रहर या दरम्यानच्या काळामध्ये सृष्टी निर्माता पालनकर्त्याला भूप रागामध्ये स्तुतीची आळवणी करून जगविले जाते प्रार्थना केली जाते त्याला भूपाळी असे म्हणतात तर अशीच सुंदर भूपाळी जी की नारायण ला उठवण्यासाठी आळवणी घालण्यासाठी येत आहे विजया जी मालानी वहिनी आणि आम्ही पण यांना ह्या मुकुंदाला श्रीहरीला आपल्यामध्ये बोलवण्यासाठी पूर्णभक्तिभावाने हृदयाने प्रेमाने साथ देऊया मंत्रमुग्ध होऊन भूपाळी ऐकूया
4. Anchor 1
अभिर गुलाल उधळीत रंग (सौ…..नाम)
संतांची माहेरघर म्हणजे पंढरपूर जिथे अनेक भाविक संत महात्मे यांनी आपले चरणाने त्या भूमीला पवित्र केलेले आहे. चंद्रभागेच्या तिरी या दिवाळीच्या दिवशी दीप उत्सव करून चंद्रभागा जशी लखलख लखलख करते आणि तो सोहळा पाहण्यासाठी अनेक भाविक वैकुंठ नगरी मध्ये जात असतात तसे तिथे सर्व जातीचे धर्माचे लोक एकत्र येऊन पांडुरंगाच्या भक्ती मध्ये दंग होतात तिथे काही असा भेदभाव नसतो तर तेथे फक्त वारकरी असतो
रम्य ते रूप पाहता झालो दंग
रोमांचित सर्व अंगणी प्रत्यंग..
चित्त तल्लीन मनी भरलासी श्रीरंग नाद लागे जीवा ध्यास सखा पांडुरंग सखा पांडुरंग
तर चला तर मग भजनाच्या माध्यमातून कशी गुलालाची उधळण या पांडुरंगा साठी केली आहे हे तुम्हाला प्रस्तुत करण्यासाठी येत आहे.आरती जी सोनी आणि ऽऽ ज्यांची आहे मधुर वाणी
5. Anchor 2
चला तर मंडली
एक सुंदर मराठी भजन आईकु या
ताहान ,भूख विसरून सारे कर गजर हरि नामचा रे ,
विठल नामच्या शाळेमधे जाऊनी,
आनंदने पाउलया खेळू यारे,
गोड कोकिला आवाज जिचे आशी …..नाम..वहिनी…
येत आहे एक छान विठल भजन घेउनी.!
6. Anchor 1
मेरी चौकट पे चलके आज चारो धाम – (…नाम)
अगली पेशकश खास है | यह भजन शबरी की भक्ति को दर्शाता है.. प्रभु श्री राम जब आते हैं तो शबरी माता की आंखें खुशी से नम हो जाती है।
तो ऐसी खुशी आज हमारे सभी की आंखों में दिखने वाली है और साथी साथ हर कोई इस भजन को सुनकर राम भक्ती मे लीन हो जाता है विश्वास श्रद्धा भक्ती की मुरत शबरी माता श्री राम जी आने वाले इस आशा से हर रोज उनके स्वागत में फूलों की बौछार और मीठी-मीठी बेर एकत्रित करती हुए!
सजा दो घर को गुलशनसा,
अवज्ञा में राम आए हैं मेरे सरकार आए हैं,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
अवग में राम आए हैं,
है ऐसा अनोखा मेल श्रीराम जी के स्वागत मे हम भी शामिल होंगे । ढोल नगारे बजाते हुए उन्हें हमारे बीच आज बुलाते हैं तो देर किस बात की,
गुंजन करते हुए सुनाएगी यह प्यारा सा भजन !
7. Anchor 2
सूर ताल का संगम जहा होगा रिधम
प्रभू आयेंगे हमारे संग,
प्रभू होगे हमरे मन,
शिवजी का होगा अब आगमन,
तो इस प्रस्तुती को भजन के द्वारा ना जोडते हुए,
संगीत से जोडने और अपने हुनर को प्रस्तुत करने हेतू एक हुनहार बालक ***NAAM हमारे बीच यह गिटार, वादन कर,
शंकर जी को हमारे बीच बुलाने आया है,
आप पहपहचानेकी
वो कोनसी धुन है जो
आप सभी को जरूर झुमने पर मजबूर कर देगी।।तो चलो सुनते हैं…।
8. Anchor 1
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी – कुमारी****)
दाटूर पापिया बोले शीतल पड़े फुहार,
छटा छजीली रंग रंगीली,
हिल रही केसर झार,
ब्रह्मा विष्णु शंकर आए और बजरंगी बलवान राधा झूला झूलन आई और आए मदन मुरार।
9. Anchor 2
देवों के देव और जो हर भक्तों पर अपनी कृपा बरसते हैं,
ऐसे हमारे भोले बाबा सबको ही भातें हैं
दूर होकर भी वह साथ निभाते हैं,
उनको मेरा हृदय से शत शत नमन..
“जय जय शिव,
आपके सामने आ रहे हैं मास्टर …..नाम “,
इस छोटे बालक की भक्ति के पुकार से,
हमारे बीच आएंगे शिवऽऽ आएंगे शिव”…!
निव बलदवा
10. Anchor 1
नारायण मिल जाएगा – श्री (नाम…..)
इस जीवन में हर पल नाम आपका हो,
भोर भी आपसे और साझ भी आपसे हो,
जगत पालक जगतपति की महिमा जटिल महान
लक्ष्मीपति , वैकुंठपति का कोई क्या करें गुणगान
कमल नयन पदम चरण सुंदर छवि बलवान
सबके स्वामी नारायण को कोटि-कोटि प्रणाम कोटि-कोटि प्रणाम…!!

11. Anchor 2
नामस्मरण होगा जब हर पाप धुल जाएंगे,
कलयुग का यह मंत्र आज हम सबको समझाएंगे,
हरि गुण से प्रभु मिल जाएंगे,
हर मुश्किल को हम पार कर जाएंगे,
यही समझाने हेतू , एक भजन प्रस्तुत करने हमारे बीच आ रहे हैं
हरि गुण का होगा जब बसेरा,
तेजोमय दिपावली का हुआ है आज सवेरा..!
यही कुछ खास प्रस्तुति.. श्री अरुण जी राठी करेंगे प्रभु की स्तुति…!!
12. Anchor 1
बोल पिंजरे का तोता राम रे..- श्री नाम **)
राम नाम से तेरे पाप भी कटते
आवागमन मिट जाई राम नाम है सागर सुख और शांति
तो जीवन सफल हुई, जाए राम नाम में दो ही अक्षर
मन में भेजो तुम भाई, राम नाम लेते कोई मोल ना लगे भाव सागर तरजाई भवसागर तरजाई।।
बोलो राम लक्ष्मण जानकी जय बोलो हनुमान की
13. Anchor 2
कृष्ण के बांसुरी की धुन पर नाच उठी राधा…!
राधे कृष्ण की नाम से हाट जाती है हर बाधा..
बांसुरी की धुन के बिना पहाट गाने का प्रोग्राम लगेगा आधा-आधा..
तो क्यों नहीं हम आज इस बांसुरी की धुन में मंत्र मुग्ध हो जाए और हमारे बीच संगीत कलाकार के धनी जिन पर सरस्वती विराजे जिन्हें सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त है ऐसे हमारे श्री (नाम…..जी) शिरे सर
14.Anchor 1
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम – ….. सो …..
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ,
राधा के मनमोहन
राधा नित श्रृंगार करें और मीरा बन गई जोगन
एक रानी एक दासी दोनों हरि प्रेम की प्यासी अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो एक जीत न मानी एक हार न मानी
एक प्रेम दीवानी..एक दरस दीवानी
धीर लिखो तो मीरा जैसी.. मिलन लिखो कुछ राधा सा
दोनों ही है कुछ पूरे से…दोनों में भी है वह कुछ आधा सा।
15. Anchor 2
मोर मुकुट धारी, मोहन गिरधारी ,
कृष्ण प्रेम में मीरा जो हुई बावरी..
*बन ठन के कान्हा के संग महारास में आई गोपिया सारी, बांसुरी की धुन पर नाच उठे बरसानारी छोरी,
प्रेम की धुन में झूम उठी संभाजी नगरी ,
जैसे धरा पर उतर आई हो, ‘गोकुल वृंदावन ,
की “उत्सव नगरी” …
ऐसी बांके बिहारी लालका यह सुंदर भजन एक सुंदर सी आवाज में (सौ/श्री …..नाम)
16* Anchor 1
सांवरिया विठला तुझे रे माला – सो विजय जी मालानी श्री **नाम.)
राम कृष्ण हरि मुकुंद मुरारी पांडुरंग पांडुरंग पांडुरंग
यातनाच्या वाळवंटी असो तुझी छत्रछाया चुकल्या लेकराची दाव थोडी दया उधळावा जीवनात भक्तीचा सावळा रंग मनाच्या गाभाऱ्यात असावा अनंत तो पांडुरंग पांडुरंग

17.Anchor 1-Anchor 2
आली माझ्या घरी दिवाळी²ऽऽ गीत गाना!
Anchor 1
महालक्ष्मी का हाथ हो सरस्वती का साथ हो गणेश जी का निवास और मा दुर्गा के आशीर्वाद से आपकी जीवन मे प्रकाश ही प्रकाश हो|
Anchor 2
आज आपन सर्व अभ्यन्ग स्नान करूनी,
रममाण होवूनी ,
चला गाऊ आपन पाहाट गानी
दिवा लावुनी आंगनि,
घर सजवू सुगंधी फुलानी,
लक्ष्मी चे आगमन हुई शुभ पावलानी,
मन प्रफुल्लित करूं या भक्ति नी,
दिवाळी मनु या सुखा आनंदानी,
घेउन संकल्प या नव वर्षाची सुरुवात करूं नवचैतन्यनी…!!
चला तर पुढच सुंदर भजन साठी मी आमंत्रित करते माझा प्रिय सखीना
कोरस लेडीज
18. Anchor 1
दिवाली का ये प्यारा त्योहार,
आपके जीवन में लाए खुशियां अपार,
लक्ष्मी जी विराजे आपके द्वार,
शुभकामना हमारी करो स्वीकार।
चलो तो फिर इस खास भजन से हम अपनी नई वर्ष की शुरुआत करते हैं और इस उत्सव को और भी धूमधाम से मनाते हैं सभी का पुनश्च एक बार बहुत-बहुत धन्यवाद और नववर्ष की सबको शुभकामनाएं हैप्पी दिवाली…!!
यहां पर आप एक (कहानी या भजन) भी जोड़ सकते हैं.
19*Anchor 2
हर रिश्तो में मोह विरहित लगाव असल में वही प्रेम होता है…
*●जब हमारे साथ ईश्वर होता है और किए हुए कार्य को हम प्रभुको समर्पित करते हैं तब हर कार्य में हम सफल होते हैं समाज हित के लिए कार्य करने से हमारे भीतर ज्ञान , हुनर वह और भी चंदन की भांति निखर जाता है यह बात तो आप सब जानती है.. आने वाली मुश्किलों को कैस राम जी ने तार लिया था एवं श्री राम और जानकी को अपने हृदय में कैसे बसा लिया था यह सुंदर भजन द्वारा जान पायेंगे..तो अगली आवाज में (नाम ******)
20* Anchor 1
बहुत ही सराहनीय मधुर आवाज अपने इस सुंदर और अर्थपूर्ण भजन को और भी सुंदर बना दिया धन्यवाद ..हमारे जो वाद्य बजाने वाली सभी कलाकारों का भी बैकग्राउंड म्यूजिक से वह गीत और भी सुंदर हो जाता है चार चांद लग जाते है।
बहुत-बहुत धन्यवाद!
🎤 बीच का सेगमेंट (सूत्रसंचालन गतिविधियों में जोड़ने योग्य वाक्यांश)
“अब हम प्रस्तुत करते हैं दीप आरती – जो केवल दीप नहीं, हमारे अंतर में जागे प्रकाश का प्रतीक है।”
“आइए, सत्संग की मधुरता में खो जाएं, जहां हर शब्द हमें प्रभु से जोड़ता है।”
“प्रभु के नाम का ये उत्सव, हमें वास्तविक आनंद का स्पर्श देता है, जो स्थायी है।”
“यहाँ दीये जलते हैं बाहर और भीतर – कुप्रवृत्तियों को जलाने और सद्भाव जगाने के लिए।”

🌟 समापन (Anchoring Closing Script)
[Background music: शांत और भावपूर्ण]
“जैसे दीप जलकर अंधकार हरता है,
वैसे ही प्रभु का स्मरण हमारे जीवन से भय, संशय और दुख को हरता है।
आज का ये आयोजन केवल एक पर्व नहीं,
प्रभु की शरण में बिताया गया अमूल्य क्षण है।
💫 रामो विग्रहवान् धर्मः
धृति-क्षमादि गुणों का आलोक हम सभी के जीवन में प्रज्वलित रहे।
इस तेजोमय दीपावली महोत्सव को सफल बनाने हेतु हम <गाँव/प्रभाग का नाम> परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।
आप सभी के जीवन में यही मंगलकामना करते हैं कि—
“दीपों की रौशनी जीवन को आलोकित करे,
प्रभु का नाम अंतर्मन को प्रकाशित करे।”
happy
Diwali
To ALL 🙏🙏✨️🎆👏