“हरियाली एवं कजरी तीज पर पारंपरिक बेमिसाल कविता उखाना और शुभकामना – स्त्री शक्ति और प्रेम का उत्सव”


“हरियाली एवं कजरी तीज 2025: अद्भुत कविता, पारंपरिक बेमिसाल उखाना और शुभकामनाएं – स्त्री शक्ति और प्रेम का अनुपम पर्व”

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📝 प्रस्तावना (Introduction):

तीज का त्यौहार सिर्फ श्रृंगार और झूले का पर्व नहीं, यह हर स्त्री के भीतर की भावना, सौंदर्य और प्रेम का उत्सव है।सावन तीज के इस शुभ अवसर पर हम आपके सामने फिर से उपस्थित है एक नए अंदाज और नए अनोखे ऐसे अद्भुत हरियाली तीज के उखाणे कविता और शुभकामनाएं के साथ तो चलो !

हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व

🍀तीज एक छोटा पर्व त्यौहार नहीं है बल्कि “सावन की फुहार में  गीतों की बहार में ” संस्कृति का एक दूजे के सम्मान, प्रेम, शिव पार्वती जैसा समर्पण का भाव जिसमें है ऐसा सबसे बड़ा पवित्र बंधन हैं ! खासकर माहेश्वरी,राजस्थानी धर्म का और सबसे सुंदर और प्रेम से भरा महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है |

कजरी तीज भारतीय संस्कृति का एक पावन पर्व, स्त्री शक्ति, सौंदर्य और समर्पण का प्रतीक है। यह हरियाली तीज के लगभग 15-16 दिन बाद मनाई जाती है और “कजरी तीज” (Kajri Teej )को अलग-अलग नाम से भी जानते हैं जैसे की “बड़ी तीज” या “सातुड़ी तीज” ! भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। त्यौहार पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है।

इसमें महिलाएं नीमड़ी माता की पूजा करती हैं।

हरियाली कजरी तीज को "सिंधारा तीज", "छोटी तीज", "श्रावण तीज" या "सावन तीज" के नाम से भी जाना जाता है. यह त्यौहार मुख्य रूप से हरे-भरे वातावरण और सुहाग के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है
हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व

हरियाली तीज (Hariyali  Teej) यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है और हरियाली तीज को “सिंधारा तीज”, “छोटी तीज”, “श्रावण तीज” या “सावन तीज” के नाम से भी जाना जाता है।

यह त्यौहार मुख्य रूप से हरे-भरे वातावरण और सुहाग के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इन दोनों तीज में सुहागन स्त्रियां यह अनोखा तीज फेस्टिवल सबसे बड़ा और अनोखा पर्व जो खासकर नई-नई शादी होकर आई बहु बेटियों का उजावणा कर इस त्यौहार को  बड़ी विशेष रूप में इसे मनाया जाता है  !

तीज का महत्व:-

तीज का महत्व जानने से पहले सिंजारा क्या होता है यह जानेंगे।

सिंजारा (Sinjara):
उस दिन सुहागन स्त्रियां और कन्याएं केशों को धोकर
तीज की पूर्व संध्या पर मेंहदी, श्रृंगार और झूले सजाने की रस्म मनाई जाती है। खास तौर से महिलाएँ 16 श्रृंगार करती हैं—सजने-धजने और आनंद साझा करने के लिए बड़ी तीज के पहले सिंजारा मनाया जाता है|

हरियाली झूले झूलें, सिंधारे लाए प्यार,
16 श्रृंगारों में सजे, खुशियाँ हो बेमिसाल

कजरी गीत गूंजें अब, सावन की मधुमास में,
परिवार संग एकत्र हो, हो आनन्द-आरोग्य की पुड़िया साथ में।

मेहंदी खिले हाथों में, झूला बोले गीत नए,
तू-मैं, हम सब मिलकर जियें,

तीज का यह प्यारा स्नेह सभी के मन को भाए!!

ऐसे होता है सिंजारा का महत्व उसी तरह सातुड़ी तीज का महत्व निराला है। सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन की स्मृति में मनाया जाता है।

हरियाली से सजे वृक्ष, मेंहदी रचे हाथ, झूलों की ठिठोली और मंगल गीतों की गूंज – सब कुछ इस त्योहार को एक सुंदर उत्सव बना देते हैं।

और यह अपने पति के लम्बी उम्र और उसका हमेशा प्रेम मिले हमारी यह जोड़ी शिव –पारबती जैसे हमेशा अटूट रहें इस भाव के साथ, रिश्ते में हम ऐसे ही बंधन में बंधे रहे! यही श्रद्धा के साथ सुहागन स्त्री और कुंवारी लड़किया यह उपवास रख मंगल कामना करती है। और यह पर्व लिंबड़ी तीज में नाम से भी जानी जाती है जिस दिन लींबडी माता की पूजा हेतु भोग के लिए अलग-अलग पकवान और अलग-अलग पिण्डा बनाए जाते हैं। जैसे की, बड़ी तीज के पहले छोटी तीज के बाद चना,चावल, मगद के लड्डू बनाते है इसे पिंड्ये कहते है और  इन मंगलमय वातावरण में बड़ी तीज के दिन; रात में पूरा परिवार तीज की पूजा होने के बाद एक साथ पिण्डा पास्ते है ! यह पिंडा पुरुष वर्ग और घर के बच्चे पासते हैं और सुहागन स्त्रियां चंद्रमा को अरग देने के बाद उपवास छोड़ती है! उसे समय का आनंद बहुत ही सुंदर और सजीला होता है मन देखकर और आनंदित होता है , इस भाव के साथ इस कजरी तीज को बड़ी उत्सव के साथ मनाया जाता है। अगर देखा जाये धार्मिक रूप, सांस्कृतिक रूप एवं आध्यात्मिक रूप परंपरा में भी विज्ञानं छिपा हुआ है ।

  •   धार्मिक रूपसे : माता पार्वती ने 108 जन्मों तक तपस्या करके शिवजी को पति रूप में पाया। इसलिए स्त्रियाँ अखंड सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं। याने इस मौसम में हम जितना उपवास और ध्यान करते तो हमारे आरोग्य के लिए फाल दाई होता है ।
  • सांस्कृतिक रूप से: यह पर्व हरियाली, श्रृंगार, लोकगीत और सामाजिक मिलन का अवसर बनाता है। चना दाल, चावल के लड्डू यानी पिंडा  बनाकर मीठा भोग लगाया जाता है | जो की इस सावन के मौसम बहुत पौष्टिक होते है ।

  • आध्यात्मिक रूप से: यह स्त्रियों के आत्मबल, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक पर्व है। जिस से हम आपने आत्मा से आपने शक्ति को बढ़ाते है।

  • हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
    हरियाली-कजरी तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
  • 🍃 उखाना:
    “मेहंदी रचे हाथों में झूले की बात,
    हरियाली तीज लाए साजन के साथ।”
    ( PoeticMeeraCreativeAura.com)


“हरियाली एवं कजरी तीज पर अद्भुत कविता और उखाना – स्त्रीत्व, श्रृंगार और प्रेम का उत्सव” को इन से दूगना करते है। 

  उखाना :-

🍀तीज के त्योहार पर सबसे सुंदर उखाणा

आई हूं मैं बनठन के कर सोलह सिंगार,
आया आया हरियाली तीज का त्यौहार,
थाका कहेना पर लेवू उखाणो आज,
जो है अनोखो रस्मरिवाज,

 हरियाली कजरी तीज के त्योहार पर सबसे सुंदर उखानाहरियाली तीज की कविता, उखाना और शुभकामनाएं – एक भावपूर्ण भेंट"
हरियाली कजरी तीज त्यौहार

बीरो लायो म्हारो मिठो मिठो पान,
उखानो लेवू रखकर थाको मानं,
चंद्रमा जी ने दियो आरग,

करी पूजा पतवार,

झूले संग आया सावनरी फुआर,
चिरम्या खेला, गीत गावां, पिंडा पासा मिलकर सारा परिवार,
दीज्यो-दीज्यो आखंड सवाग
मिले बिंद को प्रेम आपार,

यह विनंती लिंबड़ी मातासु करा बारंबार,
चूंदड़ी पहनी, मुठयो पहेन्यो,

गले में चमके नवलख मोत्यारो हार,

बोरपाथ,बिंदी सोहे,
बालों में गजरा लगाया खुशबूदार..!

सिंदूर, काजल और अत्तर री महकती सुगंध,🦚👸
गहरी हुयो म्हारा मेहंदी को रंग..!
 पहने बाजूबंद, कमरबंद जोड़ी हमारी जैसी राधा कृष्ण संग..!!👩‍❤️‍💋‍👨
बिछिया-पायल के धुन से झुम उठा सारा आंगन..!!🌄

हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
हरियाली-कजरी तीज कविता उखाणा शुभकामना प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व

मोर मुकुटधारी …….. {पति का नाम}… जी मेरे कृष्ण मुरारी,
जो बसे है हृदय में;

कहती हूं में आज.. मन ही मन,
तुम ही मेरी जीवनसाथी ;

तुम ही मेरी सजन..

राहों जन्म जन्म!

ऐसे ही चले हम संग-संग 

मिले हमारे कदम मरते दम..!
सुंदर हो अपना मधुबन..!!

हरियाली तीज पर बनाया हुआ  उखाण चार-चार लाइन में भी बना सकते हैं, बोल सकते हैं कोई खास मौके पर और सभी की तालियां की झंकार के आपको जरूर खुशी मिलेगी तो जरूर उखाणे जरूर ले, यह उपहार बनाया बस आपकी खातिर !


हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
हरियाली-कजरी  तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व

🖋️ भावनात्मक कविता:

शीर्षक: “तीज आई, प्रेम लहराई”

हरियाली ओढ़े धरती आई,

तीज की बेला संग सुहाई।


कंगना बोले, चूड़ी खनके,


सजन की यादों में प्रीत मन भटके।
मेंहदी रचे हाथों में सपना,
मन में सावन, आँखों में सपना।
शिव-पार्वती की ये कहानी,
हर नारी की प्रेम निशानी।
बड़ी तीज की इस
व्रत में शक्ति, मन में आस,
साथ पिया का हो, हर सांस।
झूले पड़ें पीपल की डाल,
आओ सखिया साथ में झूला झुलवा  
हरियाली तीज के गीत गावा
रहो म्हारो परिवार सदा खुशहाल।  

✍️ कविता: “तीज का संग और आरोग्य का रंग”

तीज आई, हरियाली लहराई,


पिंडा-पसारे की थाली सजाई।
मेंहदी लगी, चूड़ियाँ खनकी,
हर मन आशा की बगिया सी महकी।
माँ-बेटी, सास-बहू, देवरानी-जेठानी,
सबने मिल बाँटी प्रेम की कहानी।
पूरा परिवार जब संग में आए,
तो रोग-दुख हर दूर हो जाए।शिव-पार्वती का वरदान मिले,
आरोग्य और सुख का मधुर पल मिले।
तीज न सिर्फ श्रृंगार का त्योहार है,
यह तो पूरे परिवार का आभार है।
हरियाली तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
हरियाली-कजरी तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व

🎁” छोटी बड़ी तीज की कविता, उखाना और शुभकामनाएं – एक भावपूर्ण भेंट” देकर आपने रिश्तेदारों और परिवार क सदस्य को शब्दों का अनमोल उपहार देकर उन्हें सन्मान दे प्रेम दे सकते है और इस उत्सव को द्विगुणित कर सकते है !


” सावन तीज और सातुड़ी तीज के 3 अनमोल खजाने – कविता, उखाना और शुभकामनाएं (स्त्री सौंदर्य और शक्ति का पर्व)”

इसमें आपको  तीज त्योहार पर सुंदर उखाना जो की सभी को बहुत पसंद आएगा। और वह एक रस्म होती है जो सभी नारियां जब पूजा करती है तो सभी को उखाना लेने लगती है जिससे वह अपनी मुराद को अपनी इच्छा को लिंबड़ी माता के सामने प्रकट करती है।

💌 तीज पर शुभकामना संदेश (Shareable for WhatsApp / Pinterest):

1. “हरियाली कजरी तीज पर यह प्रार्थना है – हर स्त्री का सौभाग्य बढ़ जाए और हर जीवन प्रेम से भर जाए।”


2. “मेंहदी रचे, झूले झूलें – पिंडा पासे, खुशियाँ मनाये प्रेम, श्रृंगार और आस्था का संदेश फैलाएं। शुभ तीज!”

  • “झूले, मेंहदी और पिंडा-पसारा – तीज का पर्व लाए परिवार में मिलन, प्रेम और आरोग्यता। शुभ तीज!”

  • ” सातुड़ी / कजरी तीज पर करें सामूहिक पूजन और भोजन – आरोग्य, सौंदर्य और सुख-शांति का यह पर्व मंगलमय हो।”

  • ✨️”शिव-पार्वती की कृपा से आपके परिवार का हर सदस्य स्वस्थ, प्रेमपूर्ण और आनंदित रहे। हरियाली तीज की शुभकामनाएं!”


हरियाली तीज की कविता, उखाना और शुभकामनाएं – एक भावपूर्ण भेंट"
सावन-सातुड़ी तीज कविता उखाणा शुभकामनाएं प्रेम और स्त्री शक्ति का अनुपम पर्व
👉 क्या आपने भी तीज पर कोई विशेष रस्म निभाई है? या कोई पारिवारिक परंपरापारिवारिक परंपराएँ  है? नीचे कमेंट करके ज़रूर साझा करें।
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FAQ:-
  1. तीज त्योहार में क्या पहनना है?

हरियाली तीज पर हरे रंग की लहरिया साड़ी या लहंगा लाल चुनरी  पहनना खासतौर से शुभ माना जाता है।

2. तीज का क्या महत्व है

लिंमडी माता यानी की पार्वती के आराधना कर पूजन कर यह तीज का त्यौहार मनाया जाता है। और पिण्डा बनाकर पूरा परिवार भोग लगाकर चांदी सिक्के से सेलेब्रशन की तरह कट कर उसदिन उसका सेवन करते है। जो कि अपनी संस्कृति और पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज का पूजन अखंड सौभाग्य की कामना से करती हैं. जबकि कुंवारी कन्याओं अच्छे वर की कामन से माता पार्वती की पूजा करती हैं।


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