🚀 अब्दुल कलाम का सपना – सौरमंडल की सैर कविता | बच्चों के लिए विज्ञान और अंतरिक्ष प्रेरणा


🚀 डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का सपना: सौरमंडल की सैर – बच्चों के लिए विज्ञान और अंतरिक्ष पर प्रेरणादायक हिंदी कविता(Solar system tour-space vision )

 

 क्या? आपने कभी कल्पना की है कि अब्दुल कलाम का सपना हमारा बच्चा जाये – वह भी अंतरिक्ष में? उनकी यह मेहनत लगन और सपनों को इस कविता के जरिए डाला गया है। यह सौरमंडल की सैर हिंदी कविता एक ऐसी प्रेरणादायक कल्पना है।

जिसमें बच्चे सूरज से लेकर वरुण तक की यात्रा करते हैं, भारत के अंतरिक्ष यज्ञ से जुड़ते हैं, और विज्ञान के अद्भुत संसार में खो जाते हैं। यह कविता न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि विज्ञान, तकनीक और राष्ट्रप्रेम का अद्भुत संगम भी हैं। तो चलो देखते हैं- और इस खुशी को कामयाब को महसूस करते हैं। यह कविता एक ऐसी अंतरिक्षीय उड़ान है जो बच्चों के मन में ज्ञान, स्वप्न और राष्ट्रप्रेम के बीज बोती है।”

"बच्चा अंतरिक्ष यान में बैठा है, ग्रहों की सैर करता हुआ – सौरमंडल की सैर कविता के लिए चित्र"
“बच्चों की कल्पना, डॉ. कलाम की प्रेरणा और ISRO की उड़ान – विज्ञान और राष्ट्रप्रेम का संगम।”

 

सौर मंडल की यात्रा पर निकलें, देखें ग्रहों की दृष्टि।

Space Vision में दिखेगा सब कुछ, एक नई सृष्टि।

ग्रहों की परिक्रमा करें, देखें उनकी गति।

सौर मंडल की यात्रा में मिलेगी नई दृष्टि।

इस छवि को देखकर सच में हम अंतरिक्ष में हमारे

अंतरिक्ष यात्री की कामयाबी दिख रही है-

चाँद छू आया भारत, अब सूरज की बारी,
ज्ञान-विज्ञान की यात्रा है जारी!”

सौरमंडल की सैर कविता – 

सौरमंडल की सैर करे हम…!

अंतरिक्ष में रखें अपने कदम..!!

आंखों से देखे वह खूबसूरत नजारा… हिंदुस्तान का लगाए नारा…
सपनों से सुंदर दुनिया में,
सभी ग्रहों को मेल है न्यारा… !
नवग्रहो की अंतरिक्ष में बनी हैं सुंदर माला,
अंतरिक्षयात्री भारतीय कमांडर राकेश शर्मा जो हैं पहला…
जहां पहुंची वह
बहादुर सिरिशा बांदला,
साथ ही साथ सुनीता विलियम्स , कल्पना चावला,
इन भारत की बेटियों ने अंतरिक्ष में
उड़ान जब हैं भरी..
ऊंचाई को छू कर
वह कहलाई अंतरिक्ष परी… !

जब सारी कठिनाइयों को पीछे छोड़ अपनी जंग वो लड़ी,
राज खोलकर आसमान के ,
चारों और खुशियां ही खुशियां है खिली,
कामयाबी के रास्ते अपने कदम बढ़ाती वह चली हर एक गली..!!

"बच्चा अंतरिक्ष यान में बैठा है, ग्रहों की सैर करता हुआ – सौरमंडल की सैर कविता के लिए चित्र"
सौरमंडल की सैर कविता

 

हर प्रयास तब संभव हो पाया, जब
पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगाने वाला अंतरिक्ष यान “ISRO”🚀🛰 को बनाया,
असंभव कार्य को संभव कर दिखाया,

सौरमंडल की परिक्रमा करने वाला यान हमें दिलाया।
यह उन्नत कार्य अंतरिक्ष के जनक विक्रम साराभाई और मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने साकार कर दिखाया…!

अब बारी है ‘गगनयान’ की उड़ान की,
भारत का सपना हो रहा है साकार ज्ञान की।
वो दिन दूर नहीं जब अपने वीर सपूत,
चांद तारों में लगाएंगे भारत का रूप।

गगनजीत, अजय, अभिलाष, प्रशांत बलकवडे,
नवभारत के रक्षक, गगन छूने को खड़े।
शुभकामनाएं उन सबको जो कर रहे हैं तैयारी,
नई पीढ़ी के नायक बनकर, करें अंतरिक्ष में सवारी!

जो नहीं थमे राकेश, कल्पना, सुनीता की राह में,
अब आए हैं नए सितारे;
 भारत की चाह में।

सौरमंडल की सैर कविता(Solar system tour-space vision)
“बच्चों की कल्पना, डॉ. कलाम की प्रेरणा और ISRO की उड़ान – विज्ञान और राष्ट्रप्रेम का संगम।”

 

ऐसा काम कर दिखाया..
अंतरिक्ष में भारत का परचम फहरकाया ..!
सफलता की बुनियाद पर यशस्वीता का झंडा लहराया….!!
ग्रहों के खोज से हासिल किया मकसद और सौर मंडल की जांच से उन्नत कार्यों में मिली हमें ताकद…!

यह सुनहरा दिन है आया ..♡♡

आज हर भारतीय को इस कामयाबी का गर्व महसूस हो पाया …!
चलो हम भी “अंतरिक्ष की सैर कर आये…
ग्रह तारों को मिल कर आये”…
चाँद-तारों परिक्रमा कर उस दुनिया में अपनी छाप छोड़ जाये…!

सौरमंडल के आठ ग्रहों को महत्व को हमने जाना,
आसमाँ घुमकर हर ग्रह को पहचाना…
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल,
बृहस्पति, शनि, अरुण वरुण,

तीन ग्रह जैसे सीरीस,

प्लूटो और एरीस….
जो हैं सबसे अलग..
इस खोज और हर मुसीबतों की पार की फलक…!

ग्रह की खोज से विकास की ओर अपना कदम है बढ़ाना..

ऐसा कुछ कर दिखाने का , जब मन में ठाना …!
सभी ग्रहों को और भी नजदीक से जाना …!!
नई-नई तरकीब ए आजमा ।

 अंतरिक्ष यात्री जो अंतरिक्ष यान में बैठा है, ग्रहों की सैर करता हुआ – सौरमंडल की सैर कविता के लिए चित्र"
“सपनों की उड़ान – यह चित्र डॉ. अब्दुल कलाम की प्रेरणा, भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की उपलब्धि-ISRO के साथ

“हिंदुस्तान का झंडा”🇮🇳
अंतरिक्ष में ऐसे ही लहराए..!
हरदम , ऐसे ही लहराए….!!

शुभांशु शुक्ला जैसे युवा जब आगे आएंगे,

देश के सपनों को नई ऊंचाई तक ले जाएंगे।

सारी दुनिया पर हम खींचकर जीत लकीर….!
ऐसी ही हिम्मत और मेहनत से बदलेंगे
देश की तकदीर…!!✨️👍


🌟 शिक्षकों/अभिभावकों को प्रेरित करती एक पंक्ति

हर कक्षा में हो एक नन्हा वैज्ञानिक,
हर किताब में हो ब्रह्मांड का चित्रात्मक संगीत।”

यह कविता केवल कल्पना नहीं, विज्ञान और साहस का अद्भुत संगम है। अब्दुल कलाम जी का सपना था कि भारत को एक मजबूत और विकसित बनाये।


🛸Solar system tour-space vision 

🚀अंतरिक्ष यात्रा करने का सफल हुआ भारत का Mission

नई दुनिया की खोज में लें सही decision।

🪐 ग्रहों की परिक्रमा करें, देखें उनकी precision।

🌍सौर मंडल की यात्रा पर निकलें, देखें ग्रहों की vision।

“सपने वो नहीं जो नींद में आएं, सपने वो हैं जो नींद न आने दें।”

विज्ञान क्षेत्र में मजबूत बनाने का और हर बच्चा विज्ञान से जुड़े, अंतरिक्ष को छुए – और यही सपना इस कविता में जीवंत होता है।

सौरमंडल की सैर अब केवल किताबों तक सीमित नहीं, यह कविता बच्चों को प्रेरणा देती है कुछ बड़ा सोचने की, उड़ान भरने की।
“ISRO की ताक़त से ऊँचा हुआ विश्वास हमारा,
विज्ञान बना पंख, भारत बना जगमगता सितारा!”
इसे ज़रूर साझा करें – ताकि हर बच्चा विज्ञान से प्रेम करे और भारत का भविष्य अंतरिक्ष में दमके
भारत के अंतरिक्ष यात्रियों की गाथा और ‘गगनयान’ जैसे मिशन इसमें बच्चों के भविष्य प्रेम की संभावनाओं को रेखांकित करते हैं। कविता में राष्ट्रभक्ति, विज्ञान, और बाल-कल्पना का सुंदर संगम है।
यह कविता बच्चों को विज्ञान, कल्पना और देशभक्ति के आकाश में उड़ान भरने की प्रेरणा देती है।”

🌟 समापन

 “अगर यह कविता आपके दिल को छू गई हो, तो इसे अपने बच्चों, विद्यार्थियों या दोस्तों तक ज़रूर पहुँचाएँ। हर बच्चा कलाम बन सकता है, बस उसे चाहिए एक प्रेरणा – और शायद यह कविता उस प्रेरणा की शुरुआत हो। चलिए, इस ज्ञानयात्रा को मिलकर साझा करें – ताकि विज्ञान, कविता और कल्पना की रोशनी दूर तक पहुँचे!”

 

 


 

 

 

 

ISRO की स्थापना कब हुई थी?

ISRO (Indian Space Research Organisation) की स्थापना 1962 में श्री विक्रम साराभाई के नेतृत्व में हुई थी। यह भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी है। स्थापना का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास करना और इसे विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओं में उपयोग करना है। 

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