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“महाराष्ट्र मेरा अभिमान: महाराष्ट्र दिवस पर हिंदी कविता”

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महाराष्ट्र दिवस पर हिंदी कविता-  (“महाराष्ट्र मेरा अभिमान: एक भावनात्मक कविता”) “शौर्य और संस्कृति का ध्वज जहां फड़कता है, मातृभूमि …

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“स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएँ: 50वीं शादी की सालगिरह पर बधाई संदेश, कविताएँ और एंकरिंग स्क्रिप्ट”

"स्वर्ण जयंती की बधाई! 50वीं शादी की सालगिरह पर सुंदर गोल्डन थीम बधाई संदेश।"

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“मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्म का संदेश: रामनवमी स्पेशल संस्कृत और अध्यात्म से सजी कविताएं”

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गणगौर पर्व 2025: सुंदर कविता, पूजा विधि एवं शुभकामनाएँ

गणगौर पर्व 2025:धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व समर्पित सुंदर कविता और शुभकामनाएँ

गणगौर पर्व 2025: धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व समर्पित सुंदर कविता और शुभकामनाएँ भूमिका: गणगौर पर्व: सौभाग्य और सुहाग का पावन …

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शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी १ सुंदर सूत्रसंचालन

शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी १ सुंदर सूत्रसंचालन

शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी १ सुंदर सूत्रसंचालन

Diwali Anchoring Script : दिवाली उत्सव पर मंच संचालन के लिए ऐसे तैयार करें एंकरिंग स्क्रिप्ट

पहले तो, शुभ दीपावली की इस पाहट गाणी के कार्यकर्म के निमित से सभी को शुभकामनाएं देना चाहेंगे

“एक दिया तुम लगाओ,

एक दिया हम लगाएं

सतरंगी दियो से चारों दिशाओ में उजाला फैलाए!”🌠🎇🎆🔮

दीपावली की सभी को हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं!!

शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी १ सुंदर सूत्रसंचालन
शुभ दीपावली आकर्षित पाहट गाणी १ सुंदर सूत्रसंचालन

सबसे पहले हम सब मिलकर ,पूरा माहेश्वरी परिवार मिलकर बालाजी का आह्वान करेंगे उसके पश्चात हमारे इस अनोखे के शुभदीपावली की इस पहाट गाणी के कार्यक्रम की शुरुआत होगी। बालाजी जी की स्तुति हेतु मैं.(….) इनको अनुरोध करती हूं आरती स्तुति प्रस्तुत करें.!!
आप सभी की मेहनत रंग लाई !
दीपावली में दीपों की रोशनी है छाई !!

आज के इस खास पर्व दीपावली की हम सभी को देते हैं हार्दिक-हार्दिक बधाई..!!!

शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग
शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग

✨✨✨✨✨
दीपो का उत्सव जाहा होता है बड़ी हर्षोल्लासो से वहां आशा , उम्मीद की रोशनी फैल जाती है।

शुभ दीपावली को पहाट गाणी सूंदर सूत्रसंचालन के साथ चारों दिशाओं में तेजोमय आरोग्यदाई प्रसन्नमय वातावरण से आनंद और शांति का एहसास होता है।

“सत्संग करें सुख, समृद्धी, शांति और आनंद मिले, यही आशा के साथ और विश्वास के साथ < प्रभाग,गाँव का नाम> ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी इस दिवाली के खास पर्व पर और भी फलदाई बनाने , तेजोमय दिवाली का उपहार हमें देने की कोशिश की है, कुछ पल हम अपने प्रभु के सानिध्य में बिताए!

तो बालाजी के दरबार में अपने भीतर स्थित दीपक भाती ज्योति से चारों दिशाएं रोशनी फैलाना,और सब के मन में उजियाला एवं सभी के लिए स्नेह की भावना उत्पन्न करना यही मंशा से आज हम एकत्रित आए है।

 शुभदीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग                                                    शुभ दीपावली पर पाहट गाणी की सुंदर सी एंकरिंग

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“होली 2025 की शुभकामनाएँ: रंगों से सजे त्योहार का महत्व, कविता और बधाई संदेश”

"होली 2025 की शुभकामनाएँ: रंगों से सजे त्योहार का महत्व, कविता और बधाई संदेश"

“होली 2025 की शुभकामनाएँ: रंगों से सजे त्योहार का महत्व,कविता और बधाई संदेश” होली के उत्सव की शुरुआत होली भारत का …

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गणतंत्र दिवस पर निबंध-भाषण (जोशीला और प्रेरणादायक)

गणतंत्र दिवस पर निबंध-भाषण (जोशीला और प्रेरणादायक)

गणतंत्र दिवस पर निबंध-भाषण (जोशीला और प्रेरणादायक) यहाँ आपको गणतंत्र दिवस पर जोशीला और प्रेरणादायक भाषण / निबंध मिलेगा जो …

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गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

प्रस्तावना

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में स्कूलों में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को हमारे संविधान, स्वतंत्रता संग्राम और देशभक्ति का महत्व समझाना है। गणतंत्र दिवस हमारे देश की आज़ादी और संविधान के सम्मान का प्रतीक है। हर साल 26 जनवरी को यह पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल और कॉलेजों में बच्चों और युवाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनसे उनमें देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना का विकास होता है। इस लेख में, गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव को जानकरसुनेहेरे भारत की  सुनहरी पहचान”  क्युकी फिरसे हमे अपने देश को सोनेकी चिड़िया बनाना है उसके लिए जागरूकता लाना अति आवशकल है ।

गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव
गणतंत्र दिवस:स्कूल,कॉलेज-कार्यक्रमों के २० प्रेरणादायक सुझाव

गणत्रंत दिवस पर ० प्रेरणादायक कार्यक्रमों की सूची:

गणतंत्र दिवस स्कूल,कॉलेज प्रेरणादायक कार्यक्रम के २०  सुझाव जो स्कूल और कॉलेजों में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किए जा सकते हैं। ये सभी सुझाव का उपयोग कर और भी बहेतर तरीकेसे अपने प्रियजनों को,  दोस्तों और छात्रों में  देशप्रेम और उन वीरो का बलिदान कार्य का् उदहारण  बता सकते जैसे की अलग-अलग कल्पना को हम  ड्रामा,स्किट,कविता,चित्र प्रदर्शन आदि। के जरिये इस नए पीढ़ी को देशप्रेम,सद्भावना बढ़ाये ! टॉप ऐसे २० प्रेरणादायक कार्यक्रम  के सुझाव बहुत ही सीधी भाषा में खास आपके लिए।जिससे आपके चेहरे पर मुस्कान और आखो में चमक लाये  | Ideas और सुझाव जानने से पहले हम एक नजरअपने देश प्रेमियों ने इसकी कल्पना ने कैसे जन्म लिया,

गणतंत्र दिवस की शुरवात कब हुई? कैसे यह ख्याल इन देशप्रेमियो के मन में उत्त्पन्न हुआ ?

छात्रों को इसका ज्ञान होना अतिआवश्यक है ! उनका देश के प्रति समर्पण और बलिदान और कड़ी महेनत है यह जान पाएंगे है ना, उसके उपरांत हम प्रजासत्ताक दिन निमित्त होने वाले कार्यकर्म की सूचि के रूप में  नए नए सुझाव को जानेंगे ! जिस से आपक ेप्रोग्रम को चार चाँद लगे और प्रदर्शनी से बच्चे बहुत कुछ सिख पाते है ।साथ ही साथ जिनका उपयोग स्कूल के कार्यक्रमों और सोशल मीडिया पोस्ट्स के लिए किया जा सकता है।

गणतंत्र दिवस पर स्कूल और कॉलेजों के लिए २० प्रेरणादायक कार्यक्रम·

फ़ोकस: स्कूलों और कॉलेजों में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के सुझाव।

उपयोग: शैक्षणिक संस्थानों और बच्चों के बीच देशभक्ति बढ़ाने के लिए।

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भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

"गणतंत्र दिवस 2024: भारतीय इतिहास, महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव"

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

शुरुआत

26 जनवरी का विशेष उत्सव” जो की  “भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व” जिसमे  यह उत्सव जो की  जनता के आजादी का जश्न पहली बार कहां मनाया गया था 
गणतंत्र दिवस भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। हर वर्ष 26 जनवरी को पूरे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन हमें हमारे संविधान की ताकत और लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है।भारतीयगणतंत्र दिवस का इतिहास,महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव” जो की आनेवाले पीढ़ी में देशप्रेम एकता बढ़ने के लिए  26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। भारतीय गणतंत्र दिवस, हर भारतीय के लिए गर्व और उत्साह का प्रतीक है। इस ऐतिहासिक दिन के पीछे कई दिलचस्पी घटनाएं और कहानियां छिपी हैं। गणतंत्र दिवस: भारत के गौरव का प्रतीक तथा एकता और आदर की भावना को बढ़ाना है ।🧡🤍💚

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व
भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

गणतंत्र दिवस के विचार की शुरुआत

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान हुई थी, जब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने भारतीयों के लिए एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और गणराज्य की कल्पना की। गणतंत्र दिवस मनाने का विचार विशेष रूप से डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारतीय संविधान के निर्माण के बाद आया।

भारतीय संविधान को 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया था, और यह 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ, जब भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया। 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1930 में लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता (पूर्ण स्वराज)की घोषणा की थी। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक के रूप में चुना गया था।

इस प्रकार, गणराज्य का विचार और गणतंत्र दिवस का आयोजन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं के सामूहिक प्रयास और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की भूमिका से जुड़ा हुआ है।


गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य
गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान के लागू होने और लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना का उत्सव मनाना है। यह दिन हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और विविधता में एकता का प्रतीक है।

गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि
हर साल गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। यह परंपरा भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को प्रदर्शित करती है। यह भारत के राजनयिक संबंधों और दोस्ती को मजबूत करने का अवसर भी है।

चित्र प्रदर्शनी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूरे देश में अनेक रंगारंग कार्यक्रम और झांकियां देखने को मिलती हैं। स्कूलों, कॉलेजों, और सरकारी कार्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग इस दिन को अपने घरों और कार्यालयों में तिरंगा फहराकर, देशभक्ति गीत गाकर और अपने नायकों को याद करके मनाते हैं।

“भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास, 26 जनवरी को क्यों मनाते हैं और इसका महत्व। निबंध और भाषण के लिए उपयोगी जानकारी।” गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व समझाना और उसके प्रति जागरूकता फैलाना; यही उद्देश्य से ।चलो जानते है ,-

१। भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

२। गणतंत्र दिवस समारोह और परंपराएं

३। प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान और  उनका संघर्ष

४। 26 जनवरी को ही क्यों चुना गया?

५। भारतीय संविधान की कहानी

६। संविधान लागू होने की तैयारी

७। गणतंत्र दिवस पर निबंध और भाषण के सुझाव

८। गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं हम इसमें जानेगे

  1. फ़ोकस: भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व।

  2. उपयोग: निबंध, भाषण और छात्रों की जानकारी बढ़ाने के लिए।

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व विस्तृत रूप में जानते है –

१। भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

  आजादी के बाद भारत को एक सशक्त और स्वतंत्र गणराज्य बनाने के लिए एक संविधान की आवश्यकता थी। आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी एक ऐसा संविधान बनाना, जो देश की विविधता को संभाल सके और सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर सके। इसके लिए 29 अगस्त 1947 को संविधान सभा का गठन हुआ, और डॉ. भीमराव अंबेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकार किया गया और तैयार हुआ।

  2 साल, 11 महीने और 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद हालांकि, इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी 1950 का दिन चुना गया। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था। प्रजासत्ताक दिन का इतिहास और महत्व ऐसा बहुत कुछ आज के पीढ़ी को जानने जैसा है !  

२। गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व

  • गणतंत्र दिवस केवल एक त्योहार नहीं है, यह हमारी आज़ादी, संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था का उत्सव है। यह दिन हमें अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है।
    हमारा संविधान न केवल हमें स्वतंत्रता की गारंटी देता है, बल्कि यह समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों पर आधारित है।
    पहला गणतंत्र दिवस न केवल एक नए युग की शुरुआत थी, बल्कि यह भारत के नागरिकों को यह याद दिलाने का दिन भी था कि अब देश का भाग्य उनके हाथों में है।आज भी 26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए गौरव और कृतज्ञता का दिन है। यह हमारे लोकतंत्र, स्वतंत्रता और संविधान की भावना को सलाम करने का दिन है।गणतंत्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम सब समान हैं और एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना हमारा कर्तव्य है।

पहली बार कहां और कैसे मनाया गया गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस समारोह

३। गणतंत्र दिवस समारोह और परंपराएं:-

गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह नई दिल्ली के राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर आयोजित किया जाता है। इस समारोह में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने पहली बार परेड में भाग लिया। झांकियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति, परंपरा और प्रगति को प्रदर्शित किया गया। लाखों लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए सड़कों पर उत्साह के साथ भाग लिया।

इसमें भारत के राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं और राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके बाद सैन्य परेड, झांकियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती हैं। विभिन्न राज्यों और विभागों की झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और विकास को प्रदर्शित करती हैं। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली और भारतीय गणराज्य का औपचारिक आरंभ हुआ। पहली बार गणतंत्र दिवस का समारोह नई दिल्ली के इर्विन स्टेडियम (अब राष्ट्रीय स्टेडियम) में आयोजित किया गया। बल अपनी शक्ति और पराक्रम का प्रदर्शन करते हैं।

जब संविधान को तैयार किया जा रहा था, उस समय इसे हाथ से लिखा गया था। इसकी पूरी हस्तलिपि शांति निकेतन के कलाकार प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखी गई। वे इसके लिए कोई पारिश्रमिक नहीं चाहते थे, बल्कि उन्होंने अपनी हस्तलिपि में इसे लिखने को देश के प्रति अपनी श्रद्धांजलि कहा। डॉ. अंबेडकर और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित किया कि संविधान में हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों के अधिकार सुरक्षित रहें।

४। प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान और उनका संघर्ष

यहाँ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान के बारे में जानकारी दी गई है:-बलिदान और संघर्ष का जिक्र करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें देशप्रेम और त्याग की भावना से भर देता है। यहाँ कुछ प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान के बारे में जानकारी दी गई है।

  • भगत सिंह – स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अपनी जान दी। उनका प्रसिद्ध नारा “इंकलाब ज़िंदाबाद” आज भी गूंजता है। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया और उनका नाम हमेशा याद किया जाएगा।
  • सुभाष चंद्र बोस – उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) का गठन किया और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ युद्ध लड़ा। “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” जैसे शब्दों से उनका योगदान अमूल्य है।
  • लक्ष्मी बाई (झाँसी की रानी) – उन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वीरता से लड़ाई लड़ी और अपनी जान की बाज़ी लगा दी। उनका साहस और देशभक्ति भारतीय इतिहास में हमेशा जीवित रहेगा।

 

  •  सहीद उधम सिंह – उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बदले ब्रिटिश अधिकारी जनरल डायर का वध किया। उनका बलिदान यह दर्शाता है कि स्वतंत्रता के लिए किसी भी हद तक जाना संभव था।
  • बाल गंगाधर तिलकउन्होंने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को गति दी और “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है” का उद्घोष किया। उनकी निष्ठा और संघर्ष ने भारत को स्वतंत्रता की ओर अग्रसर किया।
  • विपिन चंद्र पालउन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारतीय राजनीति में एक नई चेतना जागृत की। उनका योगदान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में अनमोल था।

स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और बलिदान के परिणामस्वरूप, केवल महान नेता ही नहीं, बल्कि आम जनता भी स्वतंत्रता का सुख और हक़ महसूस करने लगी।इन वीरों के बलिदान क वजहसे भारतभूमि पवित्र हुई ! तो  इस ख़ुशी में इस “भारतीय गणतंत्र दिवस पैर इतिहास और महत्व” को जाने !

"गणतंत्र दिवस 2024: भारतीय इतिहास, महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव"
“गणतंत्र दिवस 2024: भारतीय इतिहास, महत्व और 26 जनवरी का विशेष उत्सव”

एक सच्ची घटना: 1

संविधान की हस्तलिपि और संघर्ष –26 जनवरी का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि 1930 में इसी दिन लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का संकल्प लिया गया था। इस तरह 26 जनवरी भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया।

एक सच्ची घटना: 2

2015 के गणतंत्र दिवस पर बराक ओबामा, जो उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति थे, मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। यह पहली बार था जब अमेरिका के राष्ट्रपति इस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और विविधता की सराहना की। यह भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था।

गणतंत्र दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे संविधान, स्वतंत्रता और एकता की भावना का प्रतीक है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश के लिए और बेहतर भविष्य का निर्माण करें।

 

५। 26 जनवरी 1950 को ही संविधान लागू क्यों हुआ?

भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950  में भारतीय गणतंत्र दिवस, का हर भारतीय के जीवन में एक विशेष स्थान है। इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ और भारत एक स्वतंत्र गणराज्य बन गया। लेकिन सवाल यह है कि 26 जनवरी 1950 को ही संविधान लागू करने के लिए क्यों चुना गया? इसके पीछे ऐतिहासिक और राजनीतिक कारण हैं।

६। भारतीय संविधान की कहानी

26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व है । 26 जनवरी 1930 को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की थी। यह घोषणा एक संकल्प थी कि भारतीय जनता अब स्वतंत्रता से कम किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करेगी। हालांकि, 15 अगस्त 1947 को भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन यह दिन ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से अलग होने का प्रतीक था। स्वतंत्रता संग्राम के नेताओं ने फैसला किया कि जब संविधान लागू होगा, तो वह दिन 26 जनवरी होगा ताकि इसे स्वराज दिवस की ऐतिहासिक महत्ता के साथ जोड़ा जा सके।

७। संविधान लागू होने की तैयारी

भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। इसे लागू करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए था ताकि नए ढांचे के तहत प्रशासन और शासन के तंत्र को व्यवस्थित किया जा सके।

26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 बजे भारत का संविधान लागू हुआ। इस दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और भारत औपचारिक रूप से एक गणराज्य बन गया।

भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व
भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

८। भारतीय गणतंत्र दिवस का संदेश

गणतंत्र दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम, संविधान और लोकतंत्र की अद्वितीय यात्रा की कहानी है। यह हमें याद दिलाता है कि हम एक संप्रभु और लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं।

गणतंत्र दिवस का जश्न न केवल हमारी उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेरणा देता है कि हम अपने देश को और बेहतर बनाने के लिए सतत प्रयास करें।  

९। शुभकामना संदेश:

  • “इस गणतंत्र दिवस, देश के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लें। जय हिंद!”

(गणतंत्र दिवस पर भेजने के लिए):

  1. “गणतंत्र का यह पर्व हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। चलो, देश को और महान बनाएं। गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!”

  2. “आज का दिन हमें गर्व और जिम्मेदारी दोनों का संदेश देता है। आइए, संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त करें। जय हिंद!”

  3. “इस गणतंत्र दिवस, हर दिल में हो तिरंगे का मान, और हर घर में हो भारत का गौरव। गणतंत्र दिवस की बधाई!”

 

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“आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

"आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन"

आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”~

यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि जो की सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव है। जो तिल-गुड़ की मिठास, पतंगों की रंगीन उड़ान और परंपराओं केअनोखे संगम को दर्शाता है। परिपूर्ण ऐसे “आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन” द्वारा जान पाएंगे की मकर संक्रांति भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पवित्र पर्व है, जो धर्म, विज्ञान, समाज, और प्रकृति के अद्भुत संगम को दर्शाता है। यह हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें ऋतु परिवर्तन, सामाजिक सौन्दर्य  और स्वास्थ्य संबंधी संदेश भी छिपा है और सूर्य उपासना का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का संदेश भी देता है। इस लेख में मकर संक्रांति आगमन से जुड़ी परंपराएं का संगम के साथ तिल-गुड़ का महत्व, पतंग उत्सव, विभिन्न राज्यों में इस पर्व की विविधताएं, और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सूर्य की धूप का महत्व जैसे सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है। यह सामाजिक मेल-जोल, रिश्तों की मिठास, और सकारात्मकता का भी संदेश देता है।

यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने और फसल कटाई का जश्न मनाने के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस में परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”किस तरह मानते इस लेख में पढ़ेंगे।

  मकर संक्रांति का इतिहास, इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व, और जानें कैसे यह पर्व भारत के हर क्षेत्र में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। साथ ही, शुभकामना संदेश और कविताओं के माध्यम से इस पर्व की भावनात्मक छटा को भी महसूस करें।इस पर्व के दिन लोग तिल-गुड़ से बने लड्डू बांटते हैं और कहते हैं, “तिल गुड़ घ्या, गोड गोड बोला, जो मिठास और प्रेम का संदेश देता है।

  उत्तर में ‘खिचड़ी’, महाराष्ट्र में ‘हल्दी-कुंकुम’, और दक्षिण में ‘पोंगल’ जैसे नामों से पुकारे जाने वाले इस त्योहार की विविधता हमारी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। जानेंगे और साथ ही साथ पतंगबाजी इस पर्व की खास पहचान है, जहां धरा ने आसमान ने  रंग-बिरंगी पतंगों की जैसे मनो चादर ओढी हो!

और सुहासनी स्त्रियाँ लाल-पिली साड़ी पहनकर श्रृंगार कर एक दूजे को हल्दी कुंकुम लगाकर एवं  तेरुण्डा का अदन प्रदान करती है अपना सुभगय बढाती है तो इसकी साथ वो सभी सहेलियों को भेट स्वरुप लेख के जरिये शुभकाना दे सकती है ।और खुशियाँ,आशीर्वाद और प्यार बाट सकती है। है! ना , तो चलो पढ़े यह आकर्षित लेख-“परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

 

"आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन"
“आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

 

परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन के हर पहलू से समझते हैं।

Table of Contents (विषय सूची):

  1. मकर संक्रांति आगमन का परिचय

    • त्योहार का महत्व

    • मकर संक्रांति आगमन कब और क्यों मनाई जाती है

  2. मकर संक्रांति का ऐतिहासिक और धार्मिक परम्परों अनोखा संगम का महत्व

    • सूर्य उपासना और उत्तरायण

    • पौराणिक कहानियां और धर्मशास्त्रों में उल्लेख

  3. सूर्य की धूप का महत्व

    • स्वास्थ्य में विटामिन डी का योगदान

    • सर्दियों के मौसम में धूप का लाभ

  4. तिल-गुड़ का महत्व

    • तिल-गुड़ खाने की परंपरा और स्वास्थ्य लाभ

    • “तिल गुड़ लो, मीठा बोलो” का संदेश

  5. पतंग उत्सव: मकर संक्रांति की विशेषता

    • पतंग उड़ाने की परंपरा

    • भारत के विभिन्न हिस्सों में पतंग उत्सव

  6. मकर संक्रांति का उत्सव राज्यों में

    • महाराष्ट्र (हल्दी-कुंकुम और तिल-गुड़)

    • पंजाब (लोहरी)

    • तमिलनाडु (pongal )

    • उत्तर भारत (खिचड़ी और गंगा स्नान)

    • गुजरात (उत्तरायण)

  7. मकर संक्रांति पर खानपान

    • तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी, और अन्य व्यंजन

  8. मकर संक्रांति आगमन और सामाजिक परम्परों का संगम पहलू

    • रिश्तों में मिठास का संदेश

    • दान-पुण्य का महत्व

    • भारत में पतंगों के विभिन्न प्रकार और उनके नाम:

  9. मकर संक्रांति पर कविताएं और शुभकामनाएं

    • प्रेरणादायक कविता

    • शुभकामनाओं के संदेश

  10. निष्कर्ष

  • मकर संक्रांति आगमन का आधुनिक समाज में महत्व

  • सकारात्मक ऊर्जा और नई शुरुआत का पर्व चलो अब हम एक एक करके सभी पॉइंट्स के बारे में विस्तृत से जानते है। 

“आकर्षित लेख-परम्पराओं का संगम-मकर संक्रांति का आगमन”

मकर संक्रांति का धार्मिक और खगोलीय महत्व:~

  1. धार्मिक दृष्टि:

    मकर संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करता है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक है। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संदेश देता है।

    • पौराणिक संदर्भ: महाभारत में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्याग के लिए उत्तरायण का इंतजार किया था। इसे मोक्ष प्राप्ति का समय माना जाता है।

  1. खगोलीय महत्व:

    मकर संक्रांति वह समय है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन से दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। यह समय सर्दियों के अंत और वसंत ऋतु की संक्रांति का महत्व इसे आध्यात्मिक जागृति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

  1. कृषि और समृद्धि:

    मकर संक्रांति किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि यह नई फसलों के घर आने का पर्व है। यह उत्सव उनके परिश्रम की सराहना और समृद्धि का प्रतीक है।

  2. सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:

    मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ बांटने की परंपरा है, जिसमें कहा जाता है, “तिल गुड़ घ्या, गोड गोड बोला।” इसका संदेश है कि जीवन में मिठास बनाए रखें और अच्छे विचारों को अपनाएं। पतंग उड़ाना, दान-पुण्य करना, और हल्दी-कुमकुम जैसे आयोजन इस पर्व की खासियत हैं।

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