महाराष्ट्र दिवस पर सुंदर कविता
MAHARASHTRA DAY POEM:-
“शौर्य और संस्कृति का ध्वज जहां फड़कता है, मातृभूमि पर मर मिटने का और देश के लिए कुछ करने का उत्साह और उल्लास जहां से मिलता है,
इस महाराष्ट्र को बार-बार नमन करने का मन करता है..!
भगवा तिरंगा जहां लहराता है, अनेकता में एकता को जो दर्शाता है पूरे भारत मे महाराष्ट्र को सरताज कहा जाता है…!!”
अलग-अलग जाति- धर्म की सभी इकट्ठा रहे कर जहा हर संस्कृति का कीया जाता है सन्मान..
पहनावा से लेकर, अलग-अलग है जिनका खानपान..!
हर धर्म के त्योहारों का रखते हैं वह मान..
मुश्किल आने पर एक- जुटता और संगठन से रखते हैं एक दूजे का ध्यान …!
जो मुख्य भाग है इस भारत भूमि का,
जो हैं देश की आन बान शान..!!
व्यवसाय उधोग जिसका प्राण,
भारत के विकास में जिसने दिया अपना पूरा योगदान..!!!
अर्थव्यवस्था हुई जहां से मजबूत; मजदूरों को मिला सहारा,
ऐसे इस महाराष्ट्र का लगाये हम मिलकर नारा,
“महाराष्ट्र का हो जय जयकारा”..! बहती रहे बस ऐसी ही अपने उन्नति की धारा,
होंगें हम और भी विकसित और समृद्ध इस भारत के कामयाबी का पूरा विश्व देखेगा नजारा…!
वह है महाराष्ट्र हमारा..!!
ऐसे शूरवीरों को करते हैं हम शत-शत नमन.. छत्रपति शिवाजी राजे जैसे शूरवीर ने किया शत्रु का दमन…,
अपनी जान निछावर कर,
शत्रू से.. अपने हाकक और बलिदान का कीया.. हरण,
ऐसे अनेक शूर वीरों ने;
अपने लहू को बहाकर.. महाराष्ट्र के लिये गये जो शरण..! इस धरती को किया पावन..
ऐसे सांस्कृतिक ऐतिहासिक एवं राजनीतिक विकास में, जिसने छुआ सारा गगन…
“करते हैं ऐसे महाराष्ट्र शत-शत नमन..!”
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